भजन संहिता 145 : 1 (HOV)
हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूंगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहूंगा।
भजन संहिता 145 : 2 (HOV)
प्रति दिन मैं तुझ को धन्य कहा करूंगा, और तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूंगा।
भजन संहिता 145 : 3 (HOV)
यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है॥
भजन संहिता 145 : 4 (HOV)
तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी पीढ़ी होता चला जाएगा।
भजन संहिता 145 : 5 (HOV)
मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भांति भांति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा।
भजन संहिता 145 : 6 (HOV)
लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े बड़े कामों का वर्णन करूंगा।
भजन संहिता 145 : 7 (HOV)
लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण करके उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे॥
भजन संहिता 145 : 8 (HOV)
यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला और अति करूणामय है।
भजन संहिता 145 : 9 (HOV)
यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है॥
भजन संहिता 145 : 10 (HOV)
हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!
भजन संहिता 145 : 11 (HOV)
वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे;
भजन संहिता 145 : 12 (HOV)
कि वे आदमियों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की महिमा प्रगट करें।
भजन संहिता 145 : 13 (HOV)
तेरा राज्य युग युग का और तेरी प्रभुता सब पीढ़ियों तक बनी रहेगी॥
भजन संहिता 145 : 14 (HOV)
यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है।
भजन संहिता 145 : 15 (HOV)
सभों की आंखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उन को आहार समय पर देता है।
भजन संहिता 145 : 16 (HOV)
तू अपनी मुट्ठी खोल कर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।
भजन संहिता 145 : 17 (HOV)
यहोवा अपनी सब गति में धर्मी और अपने सब कामों में करूणामय है।
भजन संहिता 145 : 18 (HOV)
जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है।
भजन संहिता 145 : 19 (HOV)
वह अपने डरवैयों की इच्छा पूरी करता है, ओर उनकी दोहाई सुन कर उनका उद्धार करता है।
भजन संहिता 145 : 20 (HOV)
यहोवा अपने सब प्रेमियों की तो रक्षा करता, परन्तु सब दुष्टों को सत्यानाश करता है॥
भजन संहिता 145 : 21 (HOV)
मैं यहोवा की स्तुति करूंगा, और सारे प्राणी उसके पवित्र नाम को सदा सर्वदा धन्य कहते रहें॥

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21