भजन संहिता 15 : 1 (HOV)
हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
भजन संहिता 15 : 2 (HOV)
वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है;
भजन संहिता 15 : 3 (HOV)
जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपने मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है;
भजन संहिता 15 : 4 (HOV)
वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठानी पड़े;
भजन संहिता 15 : 5 (HOV)
जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा॥

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