भजन संहिता 150 : 1 (HOV)
याह की स्तुति करो! ईश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो!
भजन संहिता 150 : 2 (HOV)
उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 150 : 3 (HOV)
नरसिंगा फूंकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 150 : 4 (HOV)
डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तार वाले बाजे और बांसुली बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 150 : 5 (HOV)
ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 150 : 6 (HOV)
जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें! याह की स्तुति करो!

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