भजन संहिता 28 : 1 (HOV)
हे यहोवा, मैं तुझी को पुकारूंगा; हे मेरी चट्टान, मेरी सुनी अनसुनी न कर, ऐसा न हो कि तेरे चुप रहने से मैं कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाऊं जो पाताल में चले जाते हैं।
भजन संहिता 28 : 2 (HOV)
जब मैं तेरी दोहाई दूं, और तेरे पवित्र स्थान की भीतरी कोठरी की ओर अपने हाथ उठाऊं, तब मेरी गिड़गिड़ाहट की बात सुन ले।
भजन संहिता 28 : 3 (HOV)
उन दुष्टों और अनर्थकारियों के संग मुझे न घसीट; जो अपने पड़ोसियों बातें तो मेल की बोलते हैं परन्तु हृदय में बुराई रखते हैं।
भजन संहिता 28 : 4 (HOV)
उनके कामों के और उनकी करनी की बुराई के अनुसार उन से बर्ताव कर, उनके हाथों के काम के अनुसार उन्हें बदला दे; उनके कामों का पलटा उन्हें दे।
भजन संहिता 28 : 5 (HOV)
वे यहोवा के कामों पर और उसके हाथों के कामों पर ध्यान नहीं करते, इसलिये वह उन्हें पछाड़ेगा और फिर न उठाएगा॥
भजन संहिता 28 : 6 (HOV)
यहोवा धन्य है; क्योंकि उसने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुना है।
भजन संहिता 28 : 7 (HOV)
यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिये मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूंगा।
भजन संहिता 28 : 8 (HOV)
यहोवा उनका बल है, वह अपने अभिषिक्त के लिये उद्धार का दृढ़ गढ़ है।
भजन संहिता 28 : 9 (HOV)
हे यहोवा अपनी प्रजा का उद्धार कर, और अपने निज भाग के लोगों को आशीष दे; और उनकी चरवाही कर और सदैव उन्हें सम्भाले रह॥

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