भजन संहिता 34 : 1 (HOV)
मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
भजन संहिता 34 : 2 (HOV)
मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
भजन संहिता 34 : 3 (HOV)
मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
भजन संहिता 34 : 4 (HOV)
मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
भजन संहिता 34 : 5 (HOV)
जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
भजन संहिता 34 : 6 (HOV)
इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया॥
भजन संहिता 34 : 7 (HOV)
यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।
भजन संहिता 34 : 8 (HOV)
परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
भजन संहिता 34 : 9 (HOV)
हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
भजन संहिता 34 : 10 (HOV)
जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी॥
भजन संहिता 34 : 11 (HOV)
हे लड़कों, आओ, मेरी सुनो, मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊंगा।
भजन संहिता 34 : 12 (HOV)
वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता, और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
भजन संहिता 34 : 13 (HOV)
अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुंह की चौकसी कर कि उससे छल की बात न निकले।
भजन संहिता 34 : 14 (HOV)
बुराई को छोड़ और भलाई कर; मेल को ढूंढ और उसी का पीछा कर॥
भजन संहिता 34 : 15 (HOV)
यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
भजन संहिता 34 : 16 (HOV)
यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
भजन संहिता 34 : 17 (HOV)
धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
भजन संहिता 34 : 18 (HOV)
यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है॥
भजन संहिता 34 : 19 (HOV)
धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है।
भजन संहिता 34 : 20 (HOV)
वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।
भजन संहिता 34 : 21 (HOV)
दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा; और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
भजन संहिता 34 : 22 (HOV)
यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर बचा लेता है; और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा॥

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