भजन संहिता 97 : 1 (HOV)
यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो; और द्वीप जो बहुतेरे हैं, वह भी आनन्द करें!
भजन संहिता 97 : 2 (HOV)
बादल और अन्धकार उसके चारों ओर हैं; उसके सिंहासन का मूल धर्म और न्याय है।
भजन संहिता 97 : 3 (HOV)
उसके आगे आगे आग चलती हुई उसके द्रोहियों को चारों ओर भस्म करती है।
भजन संहिता 97 : 4 (HOV)
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!
भजन संहिता 97 : 5 (HOV)
पहाड़ यहोवा के साम्हने, मोम की नाईं पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने॥
भजन संहिता 97 : 6 (HOV)
आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; और देश देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है।
भजन संहिता 97 : 7 (HOV)
जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत करो।
भजन संहिता 97 : 8 (HOV)
सिय्योन सुन कर आनन्दित हुई, और यहूदा की बेटियां मगन हुईं; हे यहोवा, यह तेरे नियमों के कारण हुआ।
भजन संहिता 97 : 9 (HOV)
क्योंकि हे यहोवा, तू सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है; तू सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है।
भजन संहिता 97 : 10 (HOV)
हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भक्तों के प्राणो की रक्षा करता, और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है।
भजन संहिता 97 : 11 (HOV)
धर्मी के लिये ज्योति, और सीधे मन वालों के लिये आनन्द बोया गया है।
भजन संहिता 97 : 12 (HOV)
हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित हो; और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!
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