2 शमूएल 5 : 1 (IRVHI)
दाऊद के यरूशलेम में राज्य करने का आरम्भ तब इस्राएल के सब गोत्र दाऊद के पास हेब्रोन में आकर कहने लगे, “सुन, हम लोग और तू एक ही हाड़ माँस हैं।
2 शमूएल 5 : 2 (IRVHI)
फिर भूतकाल में जब शाऊल हमारा राजा था, तब भी इस्राएल का अगुआ तू ही था; और यहोवा ने तुझ से कहा, 'मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा, और इस्राएल का प्रधान तू ही होगा।'” (भज. 78:71)
2 शमूएल 5 : 3 (IRVHI)
अतः सब इस्राएली पुरनिये हेब्रोन में राजा के पास आए; और दाऊद राजा ने उनके साथ हेब्रोन में यहोवा के सामने* वाचा बाँधी, और उन्होंने इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक किया।
2 शमूएल 5 : 4 (IRVHI)
दाऊद तीस वर्ष का होकर राज्य करने लगा, और चालीस वर्ष तक राज्य करता रहा।
2 शमूएल 5 : 5 (IRVHI)
साढ़े सात वर्ष तक तो उसने हेब्रोन में यहूदा पर राज्य किया, और तैंतीस वर्ष तक यरूशलेम में* समस्त इस्राएल और यहूदा पर राज्य किया।
2 शमूएल 5 : 6 (IRVHI)
तब राजा ने अपने जनों को साथ लिए हुए यरूशलेम को जाकर यबूसियों पर चढ़ाई की, जो उस देश के निवासी थे। उन्होंने यह समझकर, कि दाऊद यहाँ घुस न सकेगा, उससे कहा, “जब तक तू अंधों और लँगड़ों को दूर न करे, तब तक यहाँ घुस न पाएगा।”
2 शमूएल 5 : 7 (IRVHI)
तो भी दाऊद ने सिय्योन नामक गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है।
2 शमूएल 5 : 8 (IRVHI)
उस दिन दाऊद ने कहा, “जो कोई यबूसियों को मारना चाहे, उसे चाहिये कि नाले से होकर चढ़े, और अंधे और लँगड़े जिनसे दाऊद मन से घिन करता है उन्हें मारे।” इससे यह कहावत चली, “अंधे और लँगड़े महल में आने न पाएँगे*।”
2 शमूएल 5 : 9 (IRVHI)
और दाऊद उस गढ़ में रहने लगा, और उसका नाम दाऊदपुर रखा। और दाऊद ने चारों ओर मिल्लो से लेकर भीतर की ओर शहरपनाह बनवाई।
2 शमूएल 5 : 10 (IRVHI)
और दाऊद की बड़ाई अधिक होती गई, और सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा उसके संग रहता था।
2 शमूएल 5 : 11 (IRVHI)
तब सोर के राजा हीराम* ने दाऊद के पास दूत, और देवदार की लकड़ी, और बढ़ई, और राजमिस्त्री भेजे, और उन्होंने दाऊद के लिये एक भवन बनाया।
2 शमूएल 5 : 12 (IRVHI)
और दाऊद को निश्चय हो गया कि यहोवा ने मुझे इस्राएल का राजा करके स्थिर किया, और अपनी इस्राएली प्रजा के निमित्त मेरा राज्य बढ़ाया है।
2 शमूएल 5 : 13 (IRVHI)
जब दाऊद हेब्रोन से आया तब उसने यरूशलेम की और रखैलियाँ रख लीं, और पत्नियाँ बना लीं; और उसके और बेटे-बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुईं।
2 शमूएल 5 : 14 (IRVHI)
उसकी जो सन्तान यरूशलेम में उत्‍पन्‍न हुई, उनके ये नाम हैं, अर्थात् शम्मू, शोबाब, नातान, सुलैमान, (1 इति. 14:4)
2 शमूएल 5 : 15 (IRVHI)
यिभार, एलीशू, नेपेग, यापी,
2 शमूएल 5 : 16 (IRVHI)
एलीशामा, एल्यादा, और एलीपेलेत।
2 शमूएल 5 : 17 (IRVHI)
पलिश्तियों पर विजय जब पलिश्तियों ने यह सुना कि इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक हुआ, तब सब पलिश्ती दाऊद की खोज में निकले; यह सुनकर दाऊद गढ़ में चला गया।
2 शमूएल 5 : 18 (IRVHI)
तब पलिश्ती आकर रापा नामक तराई में फैल गए।
2 शमूएल 5 : 19 (IRVHI)
तब दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं पलिश्तियों पर चढ़ाई करूँ? क्या तू उन्हें मेरे हाथ कर देगा?” यहोवा ने दाऊद से कहा, “चढ़ाई कर; क्योंकि मैं निश्चय पलिश्तियों को तेरे हाथ कर दूँगा।”
2 शमूएल 5 : 20 (IRVHI)
तब दाऊद बालपरासीम को गया, और दाऊद ने उन्हें वहीं मारा; तब उसने कहा, “यहोवा मेरे सामने होकर मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है।” इस कारण उसने उस स्थान का नाम बालपरासीम रखा।
2 शमूएल 5 : 21 (IRVHI)
वहाँ उन्होंने अपनी मूरतों को छोड़ दिया, और दाऊद और उसके जन उन्हें उठा ले गए।
2 शमूएल 5 : 22 (IRVHI)
फिर दूसरी बार पलिश्ती चढ़ाई करके रापा नामक तराई में फैल गए।
2 शमूएल 5 : 23 (IRVHI)
जब दाऊद ने यहोवा से पूछा, तब उसने कहा, “चढ़ाई न कर; उनके पीछे से घूमकर तूत वृक्षों के सामने से उन पर छापा मार।
2 शमूएल 5 : 24 (IRVHI)
और जब तूत वृक्षों की फुनगियों में से सेना के चलने की सी आहट तुझे सुनाई पड़े, तब यह जानकर फुर्ती करना, कि यहोवा पलिश्तियों की सेना के मारने को मेरे आगे अभी पधारा है।”
2 शमूएल 5 : 25 (IRVHI)
यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार दाऊद गेबा से लेकर गेजेर तक पलिश्तियों को मारता गया।

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