व्यवस्थाविवरण 18 : 1 (IRVHI)
{याजकों और लेवियों के लिये भेंट} [PS] “लेवीय याजकों का, वरन् सारे लेवीय गोत्रियों का, इस्राएलियों के संग कोई भाग या अंश न हो; उनका भोजन हव्य और यहोवा का दिया हुआ भाग हो।
व्यवस्थाविवरण 18 : 2 (IRVHI)
उनका अपने भाइयों के बीच कोई भाग न हो; क्योंकि अपने वचन के अनुसार यहोवा उनका निज भाग ठहरा है।
व्यवस्थाविवरण 18 : 3 (IRVHI)
और चाहे गाय-बैल चाहे भेड़-बकरी का मेलबलि हो, उसके करनेवाले लोगों की ओर से याजकों का हक़ यह हो, कि वे उसका कंधा और दोनों गाल और पेट याजक को दें। (1 कुरि. 9:13)
व्यवस्थाविवरण 18 : 4 (IRVHI)
तू उसको अपनी पहली उपज का अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल, और अपनी भेड़ों का वह ऊन देना जो पहली बार कतरा गया हो।
व्यवस्थाविवरण 18 : 5 (IRVHI)
क्योंकि तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने तेरे सब गोत्रों में से उसी को चुन लिया है, कि वह और उसके वंश सदा उसके नाम से सेवा टहल करने को उपस्थित हुआ करें।
व्यवस्थाविवरण 18 : 6 (IRVHI)
“फिर यदि कोई लेवीय इस्राएल की बस्तियों में से किसी से, जहाँ वह परदेशी के समान रहता हो, अपने मन की बड़ी अभिलाषा से उस स्थान पर जाए जिसे यहोवा चुन लेगा,
व्यवस्थाविवरण 18 : 7 (IRVHI)
तो अपने सब लेवीय भाइयों के समान, जो वहाँ अपने परमेश्‍वर यहोवा के सामने उपस्थित होंगे, वह भी उसके नाम से सेवा टहल करे।
व्यवस्थाविवरण 18 : 8 (IRVHI)
और अपने पूर्वजों के भाग के मोल को छोड़ उसको भोजन का भाग भी उनके समान मिला करे। [PS]
व्यवस्थाविवरण 18 : 9 (IRVHI)
{पवित्र रहने के लिये बुलाहट} [PS] “जब तू उस देश में पहुँचे जो तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझे देता है, तब वहाँ की जातियों के अनुसार घिनौना काम करना न सीखना।
व्यवस्थाविवरण 18 : 10 (IRVHI)
तुझ में कोई ऐसा न हो जो अपने बेटे या बेटी को आग में होम करके चढ़ानेवाला, या भावी कहनेवाला, या शुभ-अशुभ मुहूर्त्तों का माननेवाला, या टोन्हा, या तांत्रिक,
व्यवस्थाविवरण 18 : 11 (IRVHI)
या बाजीगर, या ओझों से पूछनेवाला, या भूत साधनेवाला, या भूतों का जगानेवाला हो।
व्यवस्थाविवरण 18 : 12 (IRVHI)
क्योंकि जितने ऐसे-ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं; और इन्हीं घृणित कामों के कारण तेरा परमेश्‍वर यहोवा उनको तेरे सामने से निकालने पर है।
व्यवस्थाविवरण 18 : 13 (IRVHI)
तू अपने परमेश्‍वर यहोवा के सम्मुख सिद्ध बना रहना*। (मत्ती 5:48) [PS]
व्यवस्थाविवरण 18 : 14 (IRVHI)
{एक नबी भेजने की प्रतिज्ञा} [PS] “वे जातियाँ जिनका अधिकारी तू होने पर है शुभ-अशुभ मुहूर्त्तों के माननेवालों और भावी कहनेवालों की सुना करती है; परन्तु तुझको तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने ऐसा करने नहीं दिया।
व्यवस्थाविवरण 18 : 15 (IRVHI)
तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्थात् तेरे भाइयों में से मेरे समान एक नबी को उत्‍पन्‍न करेगा*; तू उसी की सुनना; (मत्ती 17:5, मर. 9:7, लूका 9:35)
व्यवस्थाविवरण 18 : 16 (IRVHI)
यह तेरी उस विनती के अनुसार होगा, जो तूने होरेब पहाड़ के पास सभा के दिन अपने परमेश्‍वर यहोवा से की थी, 'मुझे न तो अपने परमेश्‍वर यहोवा का शब्द फिर सुनना, और न वह बड़ी आग फिर देखनी पड़े, कहीं ऐसा न हो कि मर जाऊँ।'
व्यवस्थाविवरण 18 : 17 (IRVHI)
तब यहोवा ने मुझसे कहा, 'वे जो कुछ कहते हैं ठीक कहते हैं।
व्यवस्थाविवरण 18 : 18 (IRVHI)
इसलिए मैं उनके लिये उनके भाइयों के बीच में से तेरे समान एक नबी को उत्‍पन्‍न करूँगा; और अपना वचन उसके मुँह में डालूँगा; और जिस-जिस बात की मैं उसे आज्ञा दूँगा वही वह उनको कह सुनाएगा। (प्रेरि. 3:2, 7:37)
व्यवस्थाविवरण 18 : 19 (IRVHI)
और जो मनुष्य मेरे वह वचन जो वह मेरे नाम से कहेगा ग्रहण न करेगा, तो मैं उसका हिसाब उससे लूँगा। (प्रेरि. 3:23)
व्यवस्थाविवरण 18 : 20 (IRVHI)
परन्तु जो नबी अभिमान करके मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे जिसकी आज्ञा मैंने उसे न दी हो, या पराए देवताओं के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।'
व्यवस्थाविवरण 18 : 21 (IRVHI)
और यदि तू अपने मन में कहे, 'जो वचन यहोवा ने नहीं कहा उसको हम किस रीति से पहचानें?'
व्यवस्थाविवरण 18 : 22 (IRVHI)
तो पहचान यह है कि जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने वह बात अभिमान करके कही है, तू उससे भय न खाना। [PE]

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