गलातियों 3 : 1 (IRVHI)
विश्वास के द्वारा धार्मिकता हे निर्बुद्धि गलातियों*, किस ने तुम्हें मोह लिया? तुम्हारी तो मानो आँखों के सामने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
गलातियों 3 : 2 (IRVHI)
मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूँ, कि तुम ने पवित्र आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया? (गला. 3:5, प्रेरि. 15:8-10)
गलातियों 3 : 3 (IRVHI)
क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ करके* अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?
गलातियों 3 : 4 (IRVHI)
क्या तुम ने इतना दुःख व्यर्थ उठाया? परन्तु कदाचित् व्यर्थ नहीं।
गलातियों 3 : 5 (IRVHI)
इसलिए जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ्य के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के सुसमाचार से ऐसा करता है?
गलातियों 3 : 6 (IRVHI)
“अब्राहम ने तो परमेश्‍वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धार्मिकता गिनी गई।” (उत्प. 15:6)
गलातियों 3 : 7 (IRVHI)
तो यह जान लो, कि जो विश्वास करनेवाले हैं, वे ही अब्राहम की सन्तान हैं।
गलातियों 3 : 8 (IRVHI)
और पवित्रशास्त्र ने पहले ही से यह जानकर, कि परमेश्‍वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहले ही से अब्राहम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि “तुझ में सब जातियाँ आशीष पाएँगी।” (उत्प. 12:3, उत्प. 18:18)
गलातियों 3 : 9 (IRVHI)
तो जो विश्वास करनेवाले हैं, वे विश्वासी अब्राहम के साथ आशीष पाते हैं।
गलातियों 3 : 10 (IRVHI)
व्यवस्था द्वारा श्राप अतः जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के अधीन हैं, क्योंकि लिखा है, “जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।” (याकू. 2:10,12, व्य. 27:26)
गलातियों 3 : 11 (IRVHI)
पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्‍वर के यहाँ कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
गलातियों 3 : 12 (IRVHI)
पर व्यवस्था का विश्वास से कुछ सम्बन्ध नहीं; पर “जो उनको मानेगा, वह उनके कारण जीवित रहेगा।” (लैव्य. 18:5)
गलातियों 3 : 13 (IRVHI)
मसीह ने जो हमारे लिये श्रापित बना, हमें मोल लेकर व्यवस्था के श्राप से छुड़ाया* क्योंकि लिखा है, “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है वह श्रापित है।” (व्य. 21:23)
गलातियों 3 : 14 (IRVHI)
यह इसलिए हुआ, कि अब्राहम की आशीष* मसीह यीशु में अन्यजातियों तक पहुँचे, और हम विश्वास के द्वारा उस आत्मा को प्राप्त करें, जिसकी प्रतिज्ञा हुई है।
गलातियों 3 : 15 (IRVHI)
स्थिर प्रतिज्ञा हे भाइयों, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूँ, कि मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उसमें कुछ बढ़ाता है।
गलातियों 3 : 16 (IRVHI)
अतः प्रतिज्ञाएँ अब्राहम को, और उसके वंश को दी गईं; वह यह नहीं कहता, “वंशों को,” जैसे बहुतों के विषय में कहा, पर जैसे एक के विषय में कि “तेरे वंश को” और वह मसीह है। (मत्ती 1:1)
गलातियों 3 : 17 (IRVHI)
पर मैं यह कहता हूँ कि जो वाचा परमेश्‍वर ने पहले से पक्की की थी, उसको व्यवस्था चार सौ तीस वर्षों के बाद आकर नहीं टाल सकती, कि प्रतिज्ञा व्यर्थ ठहरे। (निर्ग. 12:40)
गलातियों 3 : 18 (IRVHI)
क्योंकि यदि विरासत व्यवस्था से मिली है, तो फिर प्रतिज्ञा से नहीं, परन्तु परमेश्‍वर ने अब्राहम को प्रतिज्ञा के द्वारा दे दी है।
गलातियों 3 : 19 (IRVHI)
व्यवस्था का उद्देश्य तब फिर व्यवस्था क्या रही? वह तो अपराधों के कारण बाद में दी गई, कि उस वंश के आने तक रहे, जिसको प्रतिज्ञा दी गई थी, और व्यवस्था स्वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।
गलातियों 3 : 20 (IRVHI)
मध्यस्थ तो एक का नहीं होता, परन्तु परमेश्‍वर एक ही है।
गलातियों 3 : 21 (IRVHI)
तो क्या व्यवस्था परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाओं के विरोध में है? कदापि नहीं! क्योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, तो सचमुच धार्मिकता व्यवस्था से होती।
गलातियों 3 : 22 (IRVHI)
परन्तु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया, ताकि वह प्रतिज्ञा जिसका आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है, विश्वास करनेवालों के लिये पूरी हो जाए।
गलातियों 3 : 23 (IRVHI)
पर विश्वास के आने से पहले व्यवस्था की अधीनता में हम कैद थे, और उस विश्वास के आने तक जो प्रगट होनेवाला था, हम उसी के बन्धन में रहे।
गलातियों 3 : 24 (IRVHI)
इसलिए व्यवस्था मसीह तक पहुँचाने के लिए हमारी शिक्षक हुई है, कि हम विश्वास से धर्मी ठहरें।
गलातियों 3 : 25 (IRVHI)
परन्तु जब विश्वास आ चुका, तो हम अब शिक्षक के अधीन न रहे।
गलातियों 3 : 26 (IRVHI)
पुत्र और वारिस
गलातियों 3 : 27 (IRVHI)
क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्‍वर की सन्तान हो। और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहन लिया है।
गलातियों 3 : 28 (IRVHI)
अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।
गलातियों 3 : 29 (IRVHI)
और यदि तुम मसीह के हो, तो अब्राहम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।

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