यिर्मयाह 12 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर से यिर्मयाह के प्रश्न } हे यहोवा, यदि मैं तुझसे मुकद्दमा लड़ूँ, तो भी तू धर्मी है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वाद-विवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17