भजन संहिता 1 : 1 (IRVHI)
पहला भाग
भजन 1—41
{परमेश्‍वर की व्यवस्था में सच्चा सुख } क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की योजना पर* नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है!

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