भजन संहिता 100 : 1 (IRVHI)
{परमेश्वर की स्तुति का गीत } धन्यवाद का भजन हे सारी पृथ्वी के लोगों, यहोवा का जयजयकार करो!
भजन संहिता 100 : 2 (IRVHI)
आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
भजन संहिता 100 : 3 (IRVHI)
निश्चय जानो कि यहोवा ही परमेश्वर है उसी ने हमको बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं*।
भजन संहिता 100 : 4 (IRVHI)
उसके फाटकों में धन्यवाद, और उसके आँगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!
भजन संहिता 100 : 5 (IRVHI)
क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करुणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
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