भजन संहिता 108 : 1 (IRVHI)
{शत्रुओं पर विजय का आश्वासन गीत} [PS] हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय स्थिर है; [QBR] मैं गाऊँगा, मैं अपनी आत्मा से भी भजन गाऊँगा*। [QBR]
भजन संहिता 108 : 2 (IRVHI)
हे सारंगी और वीणा जागो! [QBR] मैं आप पौ फटते जाग उठूँगा [QBR]
भजन संहिता 108 : 3 (IRVHI)
हे यहोवा, मैं देश-देश के लोगों के मध्य में तेरा धन्यवाद करूँगा, [QBR] और राज्य-राज्य के लोगों के मध्य में तेरा भजन गाऊँगा। [QBR]
भजन संहिता 108 : 4 (IRVHI)
क्योंकि तेरी करुणा आकाश से भी ऊँची है, [QBR] और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक है। [QBR]
भजन संहिता 108 : 5 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो! [QBR] और तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो! [QBR]
भजन संहिता 108 : 6 (IRVHI)
इसलिए कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ, [QBR] तू अपने दाहिने हाथ से बचा ले और हमारी विनती सुन ले! [QBR]
भजन संहिता 108 : 7 (IRVHI)
परमेश्‍वर ने अपनी पवित्रता में होकर कहा है, [QBR] “मैं प्रफुल्लित होकर शेकेम को बाँट लूँगा, [QBR] और सुक्कोत की तराई को नपवाऊँगा। [QBR]
भजन संहिता 108 : 8 (IRVHI)
गिलाद मेरा है, मनश्शे भी मेरा है; [QBR] और एप्रैम मेरे सिर का टोप है; यहूदा मेरा राजदण्ड है। [QBR]
भजन संहिता 108 : 9 (IRVHI)
मोआब मेरे धोने का पात्र है, [QBR] मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूँगा, पलिश्त पर मैं जयजयकार करूँगा।” [QBR]
भजन संहिता 108 : 10 (IRVHI)
मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा? [QBR] एदोम तक मेरी अगुआई किसने की हैं? [QBR]
भजन संहिता 108 : 11 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर, क्या तूने हमको त्याग नहीं दिया*?, [QBR] और हे परमेश्‍वर, तू हमारी सेना के आगे-आगे नहीं चलता। [QBR]
भजन संहिता 108 : 12 (IRVHI)
शत्रुओं के विरुद्ध हमारी सहायता कर, [QBR] क्योंकि मनुष्य की सहायता व्यर्थ है! [QBR]
भजन संहिता 108 : 13 (IRVHI)
परमेश्‍वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे, [QBR] हमारे शत्रुओं को वही रौंदेगा। [PE]

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