भजन संहिता 109 : 1 (IRVHI)
झूठे अभियोक्ता के विरुद्ध याचिका प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे परमेश्वर तू, जिसकी मैं स्तुति करता हूँ, चुप न रह!
भजन संहिता 109 : 2 (IRVHI)
क्योंकि दुष्ट और कपटी मनुष्यों ने मेरे विरुद्ध मुँह खोला है, वे मेरे विषय में झूठ बोलते हैं।
भजन संहिता 109 : 3 (IRVHI)
उन्होंने बैर के वचनों से मुझे चारों ओर घेर लिया है, और व्यर्थ मुझसे लड़ते हैं। (यूह. 15:25)
भजन संहिता 109 : 4 (IRVHI)
मेरे प्रेम के बदले में वे मेरी चुगली करते हैं, परन्तु मैं तो प्रार्थना में लौलीन रहता हूँ।
भजन संहिता 109 : 5 (IRVHI)
उन्होंने भलाई के बदले में मुझसे बुराई की और मेरे प्रेम के बदले मुझसे बैर किया है।
भजन संहिता 109 : 6 (IRVHI)
तू उसको किसी दुष्ट के अधिकार में रख, और कोई विरोधी उसकी दाहिनी ओर खड़ा रहे।
भजन संहिता 109 : 7 (IRVHI)
जब उसका न्याय किया जाए, तब वह दोषी निकले, और उसकी प्रार्थना पाप गिनी जाए!
भजन संहिता 109 : 8 (IRVHI)
उसके दिन थोड़े हों, और उसके पद को दूसरा ले! (प्रेरि. 1:20)
भजन संहिता 109 : 9 (IRVHI)
उसके बच्चे अनाथ हो जाएँ, और उसकी स्त्री विधवा हो जाए!
भजन संहिता 109 : 10 (IRVHI)
और उसके बच्चे मारे-मारे फिरें, और भीख माँगा करे; उनको अपने उजड़े हुए घर से दूर जाकर टुकड़े माँगना पड़े!
भजन संहिता 109 : 11 (IRVHI)
महाजन फंदा लगाकर, उसका सर्वस्व ले ले*; और परदेशी उसकी कमाई को लूट लें!
भजन संहिता 109 : 12 (IRVHI)
कोई न हो जो उस पर करुणा करता रहे, और उसके अनाथ बालकों पर कोई तरस न खाए!
भजन संहिता 109 : 13 (IRVHI)
उसका वंश नाश हो जाए, दूसरी पीढ़ी में उसका नाम मिट जाए!
भजन संहिता 109 : 14 (IRVHI)
उसके पितरों का अधर्म यहोवा को स्मरण रहे, और उसकी माता का पाप न मिटे!
भजन संहिता 109 : 15 (IRVHI)
वह निरन्तर यहोवा के सम्मुख रहे, वह उनका नाम पृथ्वी पर से मिटे!
भजन संहिता 109 : 16 (IRVHI)
क्योंकि वह दुष्ट, करुणा करना भूल गया वरन् दीन और दरिद्र को सताता था और मार डालने की इच्छा से खेदित मनवालों के पीछे पड़ा रहता था।
भजन संहिता 109 : 17 (IRVHI)
वह श्राप देने से प्रीति रखता था, और श्राप उस पर आ पड़ा; वह आशीर्वाद देने से प्रसन्न न होता था, इसलिए आशीर्वाद उससे दूर रहा।
भजन संहिता 109 : 18 (IRVHI)
वह श्राप देना वस्त्र के समान पहनता था, और वह उसके पेट में जल के समान और उसकी हड्डियों में तेल के समान* समा गया।
भजन संहिता 109 : 19 (IRVHI)
वह उसके लिये ओढ़ने का काम दे, और फेंटे के समान उसकी कटि में नित्य कसा रहे।
भजन संहिता 109 : 20 (IRVHI)
यहोवा की ओर से मेरे विरोधियों को, और मेरे विरुद्ध बुरा कहनेवालों को यही बदला मिले!
भजन संहिता 109 : 21 (IRVHI)
परन्तु हे यहोवा प्रभु, तू अपने नाम के निमित्त मुझसे बर्ताव कर; तेरी करुणा तो बड़ी है, इसलिए तू मुझे छुटकारा दे!
भजन संहिता 109 : 22 (IRVHI)
क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूँ, और मेरा हृदय घायल हुआ है*।
भजन संहिता 109 : 23 (IRVHI)
मैं ढलती हुई छाया के समान जाता रहा हूँ; मैं टिड्डी के समान उड़ा दिया गया हूँ।
भजन संहिता 109 : 24 (IRVHI)
उपवास करते-करते मेरे घुटने निर्बल हो गए; और मुझ में चर्बी न रहने से मैं सूख गया हूँ।
भजन संहिता 109 : 25 (IRVHI)
मेरी तो उन लोगों से नामधराई होती है; जब वे मुझे देखते, तब सिर हिलाते हैं। (इब्रा. 10:12-13, लूका 20:42-43)
भजन संहिता 109 : 26 (IRVHI)
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मेरी सहायता कर! अपनी करुणा के अनुसार मेरा उद्धार कर!
भजन संहिता 109 : 27 (IRVHI)
जिससे वे जाने कि यह तेरा काम है, और हे यहोवा, तूने ही यह किया है!
भजन संहिता 109 : 28 (IRVHI)
वे मुझे कोसते तो रहें, परन्तु तू आशीष दे! वे तो उठते ही लज्जित हों, परन्तु तेरा दास आनन्दित हो! (1 कुरि. 4:12)
भजन संहिता 109 : 29 (IRVHI)
मेरे विरोधियों को अनादररूपी वस्त्र पहनाया जाए, और वे अपनी लज्जा को कम्बल के समान ओढ़ें!
भजन संहिता 109 : 30 (IRVHI)
मैं यहोवा का बहुत धन्यवाद करूँगा, और बहुत लोगों के बीच में उसकी स्तुति करूँगा।
भजन संहिता 109 : 31 (IRVHI)
क्योंकि वह दरिद्र की दाहिनी ओर खड़ा रहेगा, कि उसको प्राण-दण्ड देनेवालों से बचाए।
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