भजन संहिता 111 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर की सच्चाई और न्याय के लिये स्तुतिगान }यहोवा की स्तुति करो। मैं सीधे लोगों की गोष्ठी में और मण्डली में भी सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करूँगा।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10