भजन संहिता 117 : 1 (IRVHI)
{स्तुति का भजन} [PS] हे जाति-जाति के सब लोगों, यहोवा की स्तुति करो! [QBR] हे राज्य-राज्य के सब लोगों, उसकी प्रशंसा करो! (रोम. 15:11) [QBR]
भजन संहिता 117 : 2 (IRVHI)
क्योंकि उसकी करुणा हमारे ऊपर प्रबल हुई है; [QBR] और यहोवा की सच्चाई सदा की है* [QBR] यहोवा की स्तुति करो! [PE]

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