भजन संहिता 121 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर हमारा रक्षक } यात्रा का गीत मैं अपनी आँखें पर्वतों की ओर उठाऊँगा। मुझे सहायता कहाँ से मिलेगी?

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