भजन संहिता 123 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर की दया के लिये प्रार्थना } यात्रा का गीत हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आँखें तेरी ओर उठाता हूँ!

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