भजन संहिता 125 : 1 (IRVHI)
जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, [QBR] वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, [QBR] जो टलता नहीं, वरन् सदा बना रहता है। [QBR]
भजन संहिता 125 : 2 (IRVHI)
जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, [QBR] उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों [QBR] ओर अब से लेकर सर्वदा तक बना रहेगा*। [QBR]
भजन संहिता 125 : 3 (IRVHI)
दुष्टों का राजदण्ड धर्मियों के भाग पर बना न रहेगा, [QBR] ऐसा न हो कि धर्मी अपने हाथ कुटिल काम की ओर बढ़ाएँ। [QBR]
भजन संहिता 125 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, भलों का [QBR] और सीधे मनवालों का भला कर! [QBR]
भजन संहिता 125 : 5 (IRVHI)
परन्तु जो मुड़कर टेढ़े मार्गों में चलते हैं, [QBR] उनको यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा! [QBR] इस्राएल को शान्ति मिले! (नीति. 2:15) [PE]

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