भजन संहिता 125 : 1 (IRVHI)
{परमेश्वर अपने लोगों का बल } दाऊद की यात्रा का गीत जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन् सदा बना रहता है।
भजन संहिता 125 : 2 (IRVHI)
जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से लेकर सर्वदा तक बना रहेगा*।
भजन संहिता 125 : 3 (IRVHI)
दुष्टों का राजदण्ड धर्मियों के भाग पर बना न रहेगा, ऐसा न हो कि धर्मी अपने हाथ कुटिल काम की ओर बढ़ाएँ।
भजन संहिता 125 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, भलों का और सीधे मनवालों का भला कर!
भजन संहिता 125 : 5 (IRVHI)
परन्तु जो मुड़कर टेढ़े मार्गों में चलते हैं, उनको यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा! इस्राएल को शान्ति मिले! (नीति. 2:15)
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