भजन संहिता 126 : 1 (IRVHI)
{सिय्योन को हर्षित वापसी} [PS] जब यहोवा सिय्योन में लौटनेवालों को लौटा ले आया, [QBR] तब हम स्वप्न देखनेवाले से हो गए*। [QBR]
भजन संहिता 126 : 2 (IRVHI)
तब हम आनन्द से हँसने [QBR] और जयजयकार करने लगे; [QBR] तब जाति-जाति के बीच में कहा जाता था, [QBR] “यहोवा ने, इनके साथ बड़े-बड़े काम किए हैं।” [QBR]
भजन संहिता 126 : 3 (IRVHI)
यहोवा ने हमारे साथ बड़े-बड़े काम किए हैं; [QBR] और इससे हम आनन्दित हैं। [QBR]
भजन संहिता 126 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, दक्षिण देश के नालों के समान, [QBR] हमारे बन्दियों को लौटा ले आ! [QBR]
भजन संहिता 126 : 5 (IRVHI)
जो आँसू बहाते हुए बोते हैं, [QBR] वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे*। [QBR]
भजन संहिता 126 : 6 (IRVHI)
चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, [QBR] परन्तु वह फिर पूलियाँ लिए जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा। (लूका 6:21) [PE]

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