भजन संहिता 128 : 1 (IRVHI)
{परमेश्वर का भय मानने की आशीष } यात्रा का गीत क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है*!
भजन संहिता 128 : 2 (IRVHI)
तू अपनी कमाई को निश्चय खाने पाएगा; तू धन्य होगा, और तेरा भला ही होगा।
भजन संहिता 128 : 3 (IRVHI)
तेरे घर के भीतर तेरी स्त्री फलवन्त दाखलता सी होगी; तेरी मेज के चारों ओर तेरे बच्चे जैतून के पौधे के समान होंगे।
भजन संहिता 128 : 4 (IRVHI)
सुन, जो पुरुष यहोवा का भय मानता हो, वह ऐसी ही आशीष पाएगा।
भजन संहिता 128 : 5 (IRVHI)
यहोवा तुझे सिय्योन से आशीष देवे*, और तू जीवन भर यरूशलेम का कुशल देखता रहे!
भजन संहिता 128 : 6 (IRVHI)
वरन् तू अपने नाती-पोतों को भी देखने पाए! इस्राएल को शान्ति मिले!
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