भजन संहिता 128 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर का भय मानने की आशीष } यात्रा का गीत क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है*!

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