भजन संहिता 133 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर के लोगों की एकता } दाऊद की यात्रा का गीत देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!
भजन संहिता 133 : 2 (IRVHI)
यह तो उस उत्तम तेल के समान है, जो हारून के सिर पर डाला गया था*, और उसकी दाढ़ी से बहकर, उसके वस्त्र की छोर तक पहुँच गया।
भजन संहिता 133 : 3 (IRVHI)
वह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है।

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