भजन संहिता 139 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर का सिद्ध ज्ञान } प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे यहोवा, तूने मुझे जाँच कर जान लिया है। (रोम 8:27)
भजन संहिता 139 : 2 (IRVHI)
तू मेरा उठना और बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
भजन संहिता 139 : 3 (IRVHI)
मेरे चलने और लेटने की तू भली-भाँति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
भजन संहिता 139 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, मेरे मुँह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
भजन संहिता 139 : 5 (IRVHI)
तूने मुझे आगे-पीछे घेर रखा है*, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
भजन संहिता 139 : 6 (IRVHI)
यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
भजन संहिता 139 : 7 (IRVHI)
मैं तेरे आत्मा से भागकर किधर जाऊँ? या तेरे सामने से किधर भागूँ?
भजन संहिता 139 : 8 (IRVHI)
यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है!
भजन संहिता 139 : 9 (IRVHI)
यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूँ,
भजन संहिता 139 : 10 (IRVHI)
तो वहाँ भी तू अपने हाथ से मेरी अगुआई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
भजन संहिता 139 : 11 (IRVHI)
यदि मैं कहूँ कि अंधकार में तो मैं छिप जाऊँगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अंधेरा हो जाएगा,
भजन संहिता 139 : 12 (IRVHI)
तो भी अंधकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अंधियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
भजन संहिता 139 : 13 (IRVHI)
तूने मेरे अंदरूनी अंगों को बनाया है; तूने मुझे माता के गर्भ में रचा।
भजन संहिता 139 : 14 (IRVHI)
मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिए कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ। (प्रका. 15:3)
भजन संहिता 139 : 15 (IRVHI)
जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी देह तुझसे छिपी न थीं।
भजन संहिता 139 : 16 (IRVHI)
तेरी आँखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन-दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
भजन संहिता 139 : 17 (IRVHI)
मेरे लिये तो हे परमेश्‍वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है!
भजन संहिता 139 : 18 (IRVHI)
यदि मैं उनको गिनता तो वे रेतकणों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूँ, तब भी तेरे संग रहता हूँ।
भजन संहिता 139 : 19 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा! हे हत्यारों, मुझसे दूर हो जाओ।
भजन संहिता 139 : 20 (IRVHI)
क्योंकि वे तेरे विरुद्ध बलवा करते और छल के काम करते हैं; तेरे शत्रु तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं।
भजन संहिता 139 : 21 (IRVHI)
हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूँ, और तेरे विरोधियों से घृणा न करूँ? (प्रका. 2:6)
भजन संहिता 139 : 22 (IRVHI)
हाँ, मैं उनसे पूर्ण बैर रखता हूँ; मैं उनको अपना शत्रु समझता हूँ।
भजन संहिता 139 : 23 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर, मुझे जाँचकर जान ले! मुझे परखकर मेरी चिन्ताओं को जान ले!
भजन संहिता 139 : 24 (IRVHI)
और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुआई कर!

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