भजन संहिता 140 : 1 (IRVHI)
{बचाव के लिए प्रार्थना} [PS] हे यहोवा, मुझ को बुरे मनुष्य से बचा ले; [QBR] उपद्रवी पुरुष से मेरी रक्षा कर, [QBR]
भजन संहिता 140 : 2 (IRVHI)
क्योंकि उन्होंने मन में बुरी कल्पनाएँ की हैं; [QBR] वे लगातार लड़ाइयाँ मचाते हैं। [QBR]
भजन संहिता 140 : 3 (IRVHI)
उनका बोलना साँप के काटने के समान है, [QBR] उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला) (रोम 3:13, याकू. 3:8) [QBR]
भजन संहिता 140 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, मुझे दुष्ट के हाथों से बचा ले; [QBR] उपद्रवी पुरुष से मेरी रक्षा कर, [QBR] क्योंकि उन्होंने मेरे पैरों को उखाड़ने की युक्ति की है। [QBR]
भजन संहिता 140 : 5 (IRVHI)
घमण्डियों ने मेरे लिये फंदा और पासे लगाए, [QBR] और पथ के किनारे जाल बिछाया है; [QBR] उन्होंने मेरे लिये फंदे लगा रखे हैं। (सेला) [QBR]
भजन संहिता 140 : 6 (IRVHI)
हे यहोवा, मैंने तुझ से कहा है कि तू मेरा परमेश्‍वर है; [QBR] हे यहोवा, मेरे गिड़गिड़ाने की ओर कान लगा! [QBR]
भजन संहिता 140 : 7 (IRVHI)
हे यहोवा प्रभु, हे मेरे सामर्थी उद्धारकर्ता, [QBR] तूने युद्ध के दिन मेरे सिर की रक्षा की है। [QBR]
भजन संहिता 140 : 8 (IRVHI)
हे यहोवा, दुष्ट की इच्छा को पूरी न होने दे, [QBR] उसकी बुरी युक्ति को सफल न कर, नहीं तो वह घमण्ड करेगा। (सेला) [QBR]
भजन संहिता 140 : 9 (IRVHI)
मेरे घेरनेवालों के सिर पर उन्हीं का विचारा हुआ उत्पात पड़े! [QBR]
भजन संहिता 140 : 10 (IRVHI)
उन पर अंगारे डाले जाएँ! [QBR] वे आग में गिरा दिए जाएँ! [QBR] और ऐसे गड्ढों में गिरें, कि वे फिर उठ न सके! [QBR]
भजन संहिता 140 : 11 (IRVHI)
बकवादी पृथ्वी पर स्थिर नहीं होने का; [QBR] उपद्रवी पुरुष को गिराने के लिये बुराई उसका पीछा करेगी। [QBR]
भजन संहिता 140 : 12 (IRVHI)
हे यहोवा, मुझे निश्चय है कि तू दीन जन का [QBR] और दरिद्रों का न्याय चुकाएगा। [QBR]
भजन संहिता 140 : 13 (IRVHI)
निःसन्देह धर्मी तेरे नाम का धन्यवाद करने पाएँगे; [QBR] सीधे लोग तेरे सम्मुख वास करेंगे। [PE]

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