भजन संहिता 141 : 1 (IRVHI)
पाप और पापियों से संरक्षण दाऊद का भजन हे यहोवा, मैंने तुझे पुकारा है; मेरे लिये फुर्ती कर! जब मैं तुझको पुकारूँ, तब मेरी ओर कान लगा!
भजन संहिता 141 : 2 (IRVHI)
मेरी प्रार्थना तेरे सामने सुगन्ध धूप*, और मेरा हाथ फैलाना, संध्याकाल का अन्नबलि ठहरे! (प्रका. 5:8, प्रका. 8:3,4, नीति. 3:25,1 पत. 3:6)
भजन संहिता 141 : 3 (IRVHI)
हे यहोवा, मेरे मुँह पर पहरा बैठा, मेरे होंठों के द्वार की रखवाली कर! (याकू. 1:26)
भजन संहिता 141 : 4 (IRVHI)
मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे; मैं अनर्थकारी पुरुषों के संग, दुष्ट कामों में न लगूँ, और मैं उनके स्वादिष्ट भोजनवस्तुओं में से कुछ न खाऊँ!
भजन संहिता 141 : 5 (IRVHI)
धर्मी मुझ को मारे तो यह करुणा मानी जाएगी, और वह मुझे ताड़ना दे, तो यह मेरे सिर पर का तेल ठहरेगा; मेरा सिर उससे इन्कार न करेगा। दुष्ट लोगों के बुरे कामों के विरुद्ध मैं निरन्‍तर प्रार्थना करता रहूँगा।
भजन संहिता 141 : 6 (IRVHI)
जब उनके न्यायी चट्टान के ऊपर से गिराए गए, तब उन्होंने मेरे वचन सुन लिए; क्योंकि वे मधुर हैं।
भजन संहिता 141 : 7 (IRVHI)
जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं*, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुँह पर छितराई गई हैं।
भजन संहिता 141 : 8 (IRVHI)
परन्तु हे यहोवा प्रभु, मेरी आँखें तेरी ही ओर लगी हैं; मैं तेरा शरणागत हूँ; तू मेरे प्राण जाने न दे!
भजन संहिता 141 : 9 (IRVHI)
मुझे उस फंदे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
भजन संहिता 141 : 10 (IRVHI)
दुष्ट लोग अपने जालों में आप ही फँसें, और मैं बच निकलूँ।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10