भजन संहिता 142 : 1 (IRVHI)
अत्याचारी से राहत के लिए याचिका *दाऊद का मश्कील, जब वह गुफा में था : प्रार्थना *मैं यहोवा की दुहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूँ,
भजन संहिता 142 : 2 (IRVHI)
मैं अपने शोक की बातें उससे खोलकर कहता, मैं अपना संकट उसके आगे प्रगट करता हूँ।
भजन संहिता 142 : 3 (IRVHI)
जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी*, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जानेवाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फंदा लगाया।
भजन संहिता 142 : 4 (IRVHI)
मैंने दाहिनी ओर देखा, परन्तु कोई मुझे नहीं देखता। मेरे लिये शरण कहीं नहीं रही, न मुझ को कोई पूछता है।
भजन संहिता 142 : 5 (IRVHI)
हे यहोवा, मैंने तेरी दुहाई दी है; मैंने कहा, तू मेरा शरणस्थान है, मेरे जीते जी तू मेरा भाग है।
भजन संहिता 142 : 6 (IRVHI)
मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उनसे मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझसे अधिक सामर्थी हैं।
भजन संहिता 142 : 7 (IRVHI)
मुझ को बन्दीगृह से निकाल* कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँ! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएँगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा।

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