भजन संहिता 22 : 1 (IRVHI)
मसीह का दुःख, स्तुति और भावी पीढ़ी प्रधान बजानेवाले के लिये अभ्येलेरशर राग में दाऊद का भजन हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहाँ है?
भजन संहिता 22 : 2 (IRVHI)
हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूँ परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता।
भजन संहिता 22 : 3 (IRVHI)
परन्तु तू जो इस्राएल की स्तुति के सिंहासन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है।
भजन संहिता 22 : 4 (IRVHI)
हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था।
भजन संहिता 22 : 5 (IRVHI)
उन्होंने तेरी दुहाई दी और तूने उनको छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
भजन संहिता 22 : 6 (IRVHI)
परन्तु मैं तो कीड़ा हूँ, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है।
भजन संहिता 22 : 7 (IRVHI)
वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और होंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, (मत्ती 27:39, मर. 15:29)
भजन संहिता 22 : 8 (IRVHI)
वे कहते है “वह यहोवा पर भरोसा करता है, यहोवा उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उससे प्रसन्न है।” (भज. 91:14)
भजन संहिता 22 : 9 (IRVHI)
परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला*; जब मैं दूध-पीता बच्चा था, तब ही से तूने मुझे भरोसा रखना सिखाया।
भजन संहिता 22 : 10 (IRVHI)
मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के गर्भ ही से तू मेरा परमेश्वर है।
भजन संहिता 22 : 11 (IRVHI)
मुझसे दूर न हो क्योंकि संकट निकट है, और कोई सहायक नहीं।
भजन संहिता 22 : 12 (IRVHI)
बहुत से सांडों ने मुझे घेर लिया है, बाशान के बलवन्त सांड मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है।
भजन संहिता 22 : 13 (IRVHI)
वे फाड़ने और गरजनेवाले सिंह के समान मुझ पर अपना मुँह पसारे हुए है।
भजन संहिता 22 : 14 (IRVHI)
मैं जल के समान बह गया*, और मेरी सब हड्डियों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया।
भजन संहिता 22 : 15 (IRVHI)
मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है। (नीति. 17:22)
भजन संहिता 22 : 16 (IRVHI)
क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। (मत्ती 27:35 मर. 15:29 लूका 23:33)
भजन संहिता 22 : 17 (IRVHI)
मैं अपनी सब हड्डियाँ गिन सकता हूँ; वे मुझे देखते और निहारते हैं;
भजन संहिता 22 : 18 (IRVHI)
वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते हैं, और मेरे पहरावे पर चिट्ठी डालते हैं। (मत्ती 27:35, लूका 23:34, यहू. 19:24-25)
भजन संहिता 22 : 19 (IRVHI)
परन्तु हे यहोवा तू दूर न रह! हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 22 : 20 (IRVHI)
मेरे प्राण को तलवार से बचा, मेरे प्राण को कुत्ते के पंजे से बचा ले!
भजन संहिता 22 : 21 (IRVHI)
मुझे सिंह के मुँह से बचा, जंगली सांड के सींगों से तू मुझे बचा।
भजन संहिता 22 : 22 (IRVHI)
मैं अपने भाइयों के सामने तेरे नाम का प्रचार करूँगा; सभा के बीच तेरी प्रशंसा करूँगा। (इब्रा. 2:12)
भजन संहिता 22 : 23 (IRVHI)
हे यहोवा के डरवैयों, उसकी स्तुति करो! हे याकूब के वंश, तुम सब उसकी महिमा करो! हे इस्राएल के वंश, तुम उसका भय मानो! (भज. 135:19-20)
भजन संहिता 22 : 24 (IRVHI)
क्योंकि उसने दुःखी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, यहोवा ने उससे अपना मुख नहीं छिपाया; पर जब उसने उसकी दुहाई दी, तब उसकी सुन ली।
भजन संहिता 22 : 25 (IRVHI)
बड़ी सभा में मेरा स्तुति करना तेरी ही ओर से होता है; मैं अपनी मन्नतों को उसके भय रखनेवालों के सामने पूरा करूँगा।
भजन संहिता 22 : 26 (IRVHI)
नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें!
भजन संहिता 22 : 27 (IRVHI)
पृथ्वी के सब दूर-दूर देशों के लोग उसको स्मरण करेंगे और उसकी ओर फिरेंगे; और जाति-जाति के सब कुल तेरे सामने दण्डवत् करेंगे।
भजन संहिता 22 : 28 (IRVHI)
क्योंकि राज्य यहोवा की का है, और सब जातियों पर वही प्रभुता करता है। (जेके. 14:9)
भजन संहिता 22 : 29 (IRVHI)
पृथ्वी के सब हष्टपुष्ट लोग भोजन करके दण्डवत् करेंगे; वे सब जितने मिट्टी में मिल जाते हैं और अपना-अपना प्राण नहीं बचा सकते, वे सब उसी के सामने घुटने टेकेंगे।
भजन संहिता 22 : 30 (IRVHI)
एक वंश उसकी सेवा करेगा; दूसरी पीढ़ी से प्रभु का वर्णन किया जाएगा।
भजन संहिता 22 : 31 (IRVHI)
वे आएँगे और उसके धर्म के कामों को एक वंश पर जो उत्पन्न होगा यह कहकर प्रगट करेंगे कि उसने ऐसे-ऐसे अद्भुत काम किए।
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