भजन संहिता 25 : 1 (IRVHI)
प्रभु पर निर्भरता दाऊद का भजन हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ।
भजन संहिता 25 : 2 (IRVHI)
हे मेरे परमेश्‍वर, मैंने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएँ।
भजन संहिता 25 : 3 (IRVHI)
वरन् जितने तेरी बाट जोहते हैं उनमें से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे।
भजन संहिता 25 : 4 (IRVHI)
हे यहोवा, अपने मार्ग मुझ को दिखा; अपना पथ मुझे बता दे।
भजन संहिता 25 : 5 (IRVHI)
मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करनेवाला परमेश्‍वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूँ।
भजन संहिता 25 : 6 (IRVHI)
हे यहोवा, अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं।
भजन संहिता 25 : 7 (IRVHI)
हे यहोवा, अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर*; अपनी करुणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।
भजन संहिता 25 : 8 (IRVHI)
यहोवा भला और सीधा है; इसलिए वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
भजन संहिता 25 : 9 (IRVHI)
वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हाँ, वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
भजन संहिता 25 : 10 (IRVHI)
जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करुणा और सच्चाई हैं। (यूह. 1:17)
भजन संहिता 25 : 11 (IRVHI)
हे यहोवा, अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर।
भजन संहिता 25 : 12 (IRVHI)
वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? प्रभु उसको उसी मार्ग पर जिससे वह प्रसन्‍न होता है चलाएगा।
भजन संहिता 25 : 13 (IRVHI)
वह कुशल से टिका रहेगा, और उसका वंश पृथ्वी पर अधिकारी होगा।
भजन संहिता 25 : 14 (IRVHI)
यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उससे डरते हैं, और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा। (इफि. 1:9, इफि. 1:18)
भजन संहिता 25 : 15 (IRVHI)
मेरी आँखें सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, क्योंकि वही मेरे पाँवों को जाल में से छुड़ाएगा*। (भज. 141:8)
भजन संहिता 25 : 16 (IRVHI)
हे यहोवा, मेरी ओर फिरकर मुझ पर दया कर; क्योंकि मैं अकेला और पीड़ित हूँ।
भजन संहिता 25 : 17 (IRVHI)
मेरे हृदय का क्लेश बढ़ गया है, तू मुझ को मेरे दुःखों से छुड़ा ले*।
भजन संहिता 25 : 18 (IRVHI)
तू मेरे दुःख और कष्ट पर दृष्टि कर, और मेरे सब पापों को क्षमा कर।
भजन संहिता 25 : 19 (IRVHI)
मेरे शत्रुओं को देख कि वे कैसे बढ़ गए हैं, और मुझसे बड़ा बैर रखते हैं।
भजन संहिता 25 : 20 (IRVHI)
मेरे प्राण की रक्षा कर, और मुझे छुड़ा; मुझे लज्जित न होने दे, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ।
भजन संहिता 25 : 21 (IRVHI)
खराई और सिधाई मुझे सुरक्षित रखे, क्योंकि मुझे तेरी ही आशा है।
भजन संहिता 25 : 22 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर इस्राएल को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले।

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