भजन संहिता 26 : 1 (IRVHI)
एक खरे व्यक्ति की प्रार्थना दाऊद का भजन हे यहोवा, मेरा न्याय कर, क्योंकि मैं खराई से चलता रहा हूँ, और मेरा भरोसा यहोवा पर अटल बना है।
भजन संहिता 26 : 2 (IRVHI)
हे यहोवा, मुझ को जाँच और परख*; मेरे मन और हृदय को परख।
भजन संहिता 26 : 3 (IRVHI)
क्योंकि तेरी करुणा तो मेरी आँखों के सामने है, और मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलता रहा हूँ।
भजन संहिता 26 : 4 (IRVHI)
मैं निकम्मी चाल चलनेवालों के संग नहीं बैठा, और न मैं कपटियों के साथ कहीं जाऊँगा;
भजन संहिता 26 : 5 (IRVHI)
मैं कुकर्मियों की संगति से घृणा रखता हूँ, और दुष्टों के संग न बैठूँगा।
भजन संहिता 26 : 6 (IRVHI)
मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊँगा*, तब हे यहोवा मैं तेरी वेदी की प्रदक्षिणा करूँगा, (भज. 73:13)
भजन संहिता 26 : 7 (IRVHI)
ताकि तेरा धन्यवाद ऊँचे शब्द से करूँ, और तेरे सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करूँ।
भजन संहिता 26 : 8 (IRVHI)
हे यहोवा, मैं तेरे धाम से तेरी महिमा के निवास-स्थान से प्रीति रखता हूँ।
भजन संहिता 26 : 9 (IRVHI)
मेरे प्राण को पापियों के साथ, और मेरे जीवन को हत्यारों के साथ न मिला*।
भजन संहिता 26 : 10 (IRVHI)
वे तो ओछापन करने में लगे रहते हैं, और उनका दाहिना हाथ घूस से भरा रहता है।
भजन संहिता 26 : 11 (IRVHI)
परन्तु मैं तो खराई से चलता रहूँगा। तू मुझे छुड़ा ले, और मुझ पर दया कर।
भजन संहिता 26 : 12 (IRVHI)
मेरे पाँव चौरस स्थान में स्थिर है; सभाओं में मैं यहोवा को धन्य कहा करूँगा।

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