भजन संहिता 27 : 1 (IRVHI)
विश्वास की घोषणा दाऊद का भजन यहोवा मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ*? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊँ?
भजन संहिता 27 : 2 (IRVHI)
जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
भजन संहिता 27 : 3 (IRVHI)
चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तो भी मैं न डरूँगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बाँधे निश्‍चित रहूँगा।
भजन संहिता 27 : 4 (IRVHI)
एक वर मैंने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। (भज. 6:8, भज. 23:6, फिलि. 3:13)
भजन संहिता 27 : 5 (IRVHI)
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। (भज. 91:1, भज. 40:2, भज. 138:7)
भजन संहिता 27 : 6 (IRVHI)
अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊँचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में आनन्द के बलिदान चढ़ाऊँगा*; और मैं गाऊँगा और यहोवा के लिए गीत गाऊँगा। (भज. 3:3)
भजन संहिता 27 : 7 (IRVHI)
हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूँ, तू मुझ पर दया कर और मुझे उत्तर दे। (भज. 130:2-4, भज. 13:3)
भजन संहिता 27 : 8 (IRVHI)
तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।” इसलिए मेरा मन तुझसे कहता है, “हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूँगा।”
भजन संहिता 27 : 9 (IRVHI)
अपना मुख मुझसे न छिपा। अपने दास को क्रोध करके न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्‍वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे!
भजन संहिता 27 : 10 (IRVHI)
मेरे माता-पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
भजन संहिता 27 : 11 (IRVHI)
हे यहोवा, अपना मार्ग मुझे सिखा, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। (भज. 5:8)
भजन संहिता 27 : 12 (IRVHI)
मुझ को मेरे सतानेवालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं* मेरे विरुद्ध उठे हैं।
भजन संहिता 27 : 13 (IRVHI)
यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूँगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। (भज. 142:5)
भजन संहिता 27 : 14 (IRVHI)
यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बाँध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हाँ, यहोवा ही की बाट जोहता रह! (भज. 31:24)

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