भजन संहिता 29 : 1 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर के पुत्रों, यहोवा का, [QBR] हाँ, यहोवा ही का गुणानुवाद करो, [QBR] यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को सराहो। [QBR]
भजन संहिता 29 : 2 (IRVHI)
यहोवा के नाम की महिमा करो; [QBR] पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो। [QBR]
भजन संहिता 29 : 3 (IRVHI)
यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुनाई देती है; [QBR] प्रतापी परमेश्‍वर गरजता है, [QBR] यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। (अय्यूब 37:4-5) [QBR]
भजन संहिता 29 : 4 (IRVHI)
यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, [QBR] यहोवा की वाणी प्रतापमय है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 5 (IRVHI)
यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; [QBR] यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 6 (IRVHI)
वह लबानोन को बछड़े के समान [QBR] और सिर्योन को सांड के समान उछालता है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 7 (IRVHI)
यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है*। [QBR]
भजन संहिता 29 : 8 (IRVHI)
यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, [QBR] यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 9 (IRVHI)
यहोवा की वाणी से हिरनियों का गर्भपात हो जाता है। [QBR] और जंगल में पतझड़ होता है; [QBR] और उसके मन्दिर में सब कोई [QBR] “महिमा ही महिमा” बोलते रहते है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 10 (IRVHI)
जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था; [QBR] और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर [QBR] विराजमान रहता है। [QBR]
भजन संहिता 29 : 11 (IRVHI)
यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; [QBR] यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा*। [PE]

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