भजन संहिता 33 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर की स्तुति का गीत }हे धर्मियों, यहोवा के कारण जयजयकार करो। क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करना शोभा देता है।
भजन संहिता 33 : 2 (IRVHI)
वीणा बजा-बजाकर यहोवा का धन्यवाद करो, दस तारवाली सारंगी बजा-बजाकर उसका भजन गाओ। (इफि. 5:19)
भजन संहिता 33 : 3 (IRVHI)
उसके लिये नया गीत गाओ, जयजयकार के साथ भली भाँति बजाओ। (प्रका. 14:3)
भजन संहिता 33 : 4 (IRVHI)
क्योंकि यहोवा का वचन सीधा है*; और उसका सब काम निष्पक्षता से होता है।
भजन संहिता 33 : 5 (IRVHI)
वह धर्म और न्याय से प्रीति रखता है; यहोवा की करुणा से पृथ्वी भरपूर है।
भजन संहिता 33 : 6 (IRVHI)
आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुँह की श्‍वास से बने। (इब्रा. 11:3)
भजन संहिता 33 : 7 (IRVHI)
वह समुद्र का जल ढेर के समान इकट्ठा करता*; वह गहरे सागर को अपने भण्डार में रखता है।
भजन संहिता 33 : 8 (IRVHI)
सारी पृथ्वी के लोग यहोवा से डरें, जगत के सब निवासी उसका भय मानें!
भजन संहिता 33 : 9 (IRVHI)
क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया।
भजन संहिता 33 : 10 (IRVHI)
यहोवा जाति-जाति की युक्ति को व्यर्थ कर देता है; वह देश-देश के लोगों की कल्पनाओं को निष्फल करता है।
भजन संहिता 33 : 11 (IRVHI)
यहोवा की योजना सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।
भजन संहिता 33 : 12 (IRVHI)
क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्‍वर यहोवा है, और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग होने के लिये चुन लिया हो!
भजन संहिता 33 : 13 (IRVHI)
यहोवा स्वर्ग से दृष्टि करता है, वह सब मनुष्यों को निहारता है;
भजन संहिता 33 : 14 (IRVHI)
अपने निवास के स्थान से वह पृथ्वी के सब रहनेवालों को देखता है,
भजन संहिता 33 : 15 (IRVHI)
वही जो उन सभी के हृदयों को गढ़ता, और उनके सब कामों का विचार करता है।
भजन संहिता 33 : 16 (IRVHI)
कोई ऐसा राजा नहीं, जो सेना की बहुतायत के कारण बच सके; वीर अपनी बड़ी शक्ति के कारण छूट नहीं जाता।
भजन संहिता 33 : 17 (IRVHI)
विजय पाने के लिए घोड़ा व्यर्थ सुरक्षा है, वह अपने बड़े बल के द्वारा किसी को नहीं बचा सकता है।
भजन संहिता 33 : 18 (IRVHI)
देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है,
भजन संहिता 33 : 19 (IRVHI)
कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, और अकाल के समय उनको जीवित रखे*।
भजन संहिता 33 : 20 (IRVHI)
हम यहोवा की बाट जोहते हैं; वह हमारा सहायक और हमारी ढाल ठहरा है।
भजन संहिता 33 : 21 (IRVHI)
हमारा हृदय उसके कारण आनन्दित होगा, क्योंकि हमने उसके पवित्र नाम का भरोसा रखा है।
भजन संहिता 33 : 22 (IRVHI)
हे यहोवा, जैसी तुझ पर हमारी आशा है, वैसी ही तेरी करुणा भी हम पर हो।

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