भजन संहिता 4 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर पर भरोसा } *प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का भजन *हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
भजन संहिता 4 : 2 (IRVHI)
हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला)
भजन संहिता 4 : 3 (IRVHI)
यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है*; जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा।
भजन संहिता 4 : 4 (IRVHI)
काँपते रहो और पाप मत करो; अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो। (सेला) (इफि. 4:26)
भजन संहिता 4 : 5 (IRVHI)
धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो।
भजन संहिता 4 : 6 (IRVHI)
बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?” हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका!
भजन संहिता 4 : 7 (IRVHI)
तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उनको अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता है।
भजन संहिता 4 : 8 (IRVHI)
मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को निश्चिन्त रहने देता है।

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