भजन संहिता 45 : 1 (IRVHI)
{विवाह गीत} [PS] मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से [QBR] उमड़ रहा है, [QBR] जो बात मैंने राजा के विषय रची है उसको [QBR] सुनाता हूँ; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है। [QBR]
भजन संहिता 45 : 2 (IRVHI)
तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; [QBR] तेरे होंठों में अनुग्रह भरा हुआ है; [QBR] इसलिए परमेश्‍वर ने तुझे सदा के लिये आशीष [QBR] दी है। (लूका 4:22, इब्रा. 1:3,4) [QBR]
भजन संहिता 45 : 3 (IRVHI)
हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव [QBR] और प्रताप है अपनी कटि पर बाँध*! [QBR]
भजन संहिता 45 : 4 (IRVHI)
सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने [QBR] ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; [QBR] तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखाए! [QBR]
भजन संहिता 45 : 5 (IRVHI)
तेरे तीर तो तेज हैं, [QBR] तेरे सामने देश-देश के लोग गिरेंगे; [QBR] राजा के शत्रुओं के हृदय उनसे छिदेंगे। [QBR]
भजन संहिता 45 : 6 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर, तेरा सिंहासन सदा सर्वदा बना [QBR] रहेगा; [QBR] तेरा राजदण्ड न्याय का है। [QBR]
भजन संहिता 45 : 7 (IRVHI)
तूने धर्म से प्रीति और दुष्टता से बैर रखा है। [QBR] इस कारण परमेश्‍वर ने हाँ, तेरे परमेश्‍वर ने [QBR] तुझको तेरे साथियों से अधिक हर्ष के तेल [QBR] से अभिषेक किया है। (इब्रा. 1:8,9) [QBR]
भजन संहिता 45 : 8 (IRVHI)
तेरे सारे वस्त्र गन्धरस, अगर, और तेज से [QBR] सुगन्धित हैं, [QBR] तू हाथी दाँत के मन्दिरों में तारवाले बाजों के [QBR] कारण आनन्दित हुआ है। [QBR]
भजन संहिता 45 : 9 (IRVHI)
तेरी प्रतिष्ठित स्त्रियों में राजकुमारियाँ भी हैं; [QBR] तेरी दाहिनी ओर पटरानी, ओपीर के कुन्दन [QBR] से विभूषित खड़ी है। [QBR]
भजन संहिता 45 : 10 (IRVHI)
हे राजकुमारी सुन, और कान लगाकर ध्यान दे; [QBR] अपने लोगों और अपने पिता के घर को भूल जा; [QBR]
भजन संहिता 45 : 11 (IRVHI)
और राजा तेरे रूप की चाह करेगा। [QBR] क्योंकि वह तो तेरा प्रभु है, तू उसे दण्डवत् कर। [QBR]
भजन संहिता 45 : 12 (IRVHI)
सोर की राजकुमारी भी भेंट करने के लिये [QBR] उपस्थित होगी, [QBR] प्रजा के धनवान लोग तुझे प्रसन्‍न करने का [QBR] यत्न करेंगे। [QBR]
भजन संहिता 45 : 13 (IRVHI)
राजकुमारी महल में अति शोभायमान है, [QBR] उसके वस्त्र में सुनहले बूटे कढ़े हुए हैं; [QBR]
भजन संहिता 45 : 14 (IRVHI)
वह बूटेदार वस्त्र पहने हुए राजा के पास [QBR] पहुँचाई जाएगी। [QBR] जो कुमारियाँ उसकी सहेलियाँ हैं, [QBR] वे उसके पीछे-पीछे चलती हुई तेरे पास पहुँचाई जाएँगी। [QBR]
भजन संहिता 45 : 15 (IRVHI)
वे आनन्दित और मगन होकर पहुँचाई जाएँगी*, [QBR] और वे राजा के महल में प्रवेश करेंगी। [QBR]
भजन संहिता 45 : 16 (IRVHI)
तेरे पितरों के स्थान पर तेरे सन्तान होंगे; [QBR] जिनको तू सारी पृथ्वी पर हाकिम ठहराएगा। [QBR]
भजन संहिता 45 : 17 (IRVHI)
मैं ऐसा करूँगा, कि तेरे नाम की चर्चा पीढ़ी [QBR] से पीढ़ी तक होती रहेगी; [QBR] इस कारण देश-देश के लोग सदा सर्वदा तेरा [QBR] धन्यवाद करते रहेंगे। [PE]

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