भजन संहिता 46 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान } प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का, अलामोत की राग पर एक गीत परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक*।

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