भजन संहिता 47 : 1 (IRVHI)
{परमेश्‍वर हमारा राजा } प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन हे देश-देश के सब लोगों, तालियाँ बजाओ! ऊँचे शब्द से परमेश्‍वर के लिये जयजयकार करो!
भजन संहिता 47 : 2 (IRVHI)
क्योंकि यहोवा परमप्रधान और भययोग्य है, वह सारी पृथ्वी के ऊपर महाराजा है।
भजन संहिता 47 : 3 (IRVHI)
वह देश-देश के लोगों को हमारे सम्मुख नीचा करता, और जाति-जाति को हमारे पाँवों के नीचे कर देता है।
भजन संहिता 47 : 4 (IRVHI)
वह हमारे लिये उत्तम भाग चुन लेगा*, जो उसके प्रिय याकूब के घमण्ड का कारण है। (सेला)
भजन संहिता 47 : 5 (IRVHI)
परमेश्‍वर जयजयकार सहित, यहोवा नरसिंगे के शब्द के साथ ऊपर गया है। (लूका 24:51, यूह. 6:62, प्रेरि. 1:9, भज. 68:1-2)
भजन संहिता 47 : 6 (IRVHI)
परमेश्‍वर का भजन गाओ, भजन गाओ! हमारे महाराजा का भजन गाओ, भजन गाओ!
भजन संहिता 47 : 7 (IRVHI)
क्योंकि परमेश्‍वर सारी पृथ्वी का महाराजा है; समझ बूझकर बुद्धि से भजन गाओ।
भजन संहिता 47 : 8 (IRVHI)
परमेश्‍वर जाति-जाति पर राज्य करता है; परमेश्‍वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है*। (भज. 96:10, प्रका. 19:6)
भजन संहिता 47 : 9 (IRVHI)
राज्य-राज्य के रईस अब्राहम के परमेश्‍वर की प्रजा होने के लिये इकट्ठे हुए हैं। क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्‍वर के वश में हैं, वह तो शिरोमणि है।

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