भजन संहिता 48 : 1 (IRVHI)
{सिय्योन में परमेश्‍वर की महिमा गीत } कोरहवंशियों का भजन हमारे परमेश्‍वर के नगर में, और अपने पवित्र पर्वत पर यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है! (सेला)
भजन संहिता 48 : 2 (IRVHI)
सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है, राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है। (मत्ती 5:35, यिर्म. 3:19)
भजन संहिता 48 : 3 (IRVHI)
उसके महलों में परमेश्‍वर ऊँचा गढ़ माना गया है।
भजन संहिता 48 : 4 (IRVHI)
क्योंकि देखो, राजा लोग इकट्ठे हुए, वे एक संग आगे बढ़ गए।
भजन संहिता 48 : 5 (IRVHI)
उन्होंने आप ही देखा और देखते ही विस्मित हुए, वे घबराकर भाग गए।
भजन संहिता 48 : 6 (IRVHI)
वहाँ कँपकँपी ने उनको आ पकड़ा, और जच्चा की सी पीड़ाएँ उन्हें होने लगीं।
भजन संहिता 48 : 7 (IRVHI)
तू पूर्वी वायु से तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है*।
भजन संहिता 48 : 8 (IRVHI)
सेनाओं के यहोवा के नगर में, अपने परमेश्‍वर के नगर में, जैसा हमने सुना था, वैसा देखा भी है; परमेश्‍वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा।
भजन संहिता 48 : 9 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर हमने तेरे मन्दिर के भीतर तेरी करुणा पर ध्यान किया है।
भजन संहिता 48 : 10 (IRVHI)
हे परमेश्‍वर तेरे नाम के योग्य तेरी स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है। तेरा दाहिना हाथ धर्म से भरा है;
भजन संहिता 48 : 11 (IRVHI)
तेरे न्याय के कामों के कारण सिय्योन पर्वत आनन्द करे, और यहूदा के नगर की पुत्रियाँ मगन हों!
भजन संहिता 48 : 12 (IRVHI)
सिय्योन के चारों ओर चलो*, और उसकी परिक्रमा करो, उसके गुम्मटों को गिन लो,
भजन संहिता 48 : 13 (IRVHI)
उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, उसके महलों को ध्यान से देखो; जिससे कि तुम आनेवाली पीढ़ी के लोगों से इस बात का वर्णन कर सको।
भजन संहिता 48 : 14 (IRVHI)
क्योंकि वह परमेश्‍वर सदा सर्वदा हमारा परमेश्‍वर है, वह मृत्यु तक हमारी अगुआई करेगा।

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