भजन संहिता 72 : 1 (IRVHI)
मसीह के शासनकाल की महिमा और सार्वभौमिकता सुलैमान का गीत हे परमेश्‍वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्र को अपना धर्म सिखला!
भजन संहिता 72 : 2 (IRVHI)
वह तेरी प्रजा का न्याय धर्म से, और तेरे दीन लोगों का न्याय ठीक-ठीक चुकाएगा। (मत्ती25:31-34, प्रेरि. 17:31, रोम. 14:10, 2 कुरि. 5:10)
भजन संहिता 72 : 3 (IRVHI)
पहाड़ों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी
भजन संहिता 72 : 4 (IRVHI)
वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र लोगों को बचाएगा; और अत्याचार करनेवालों को चूर करेगा*। (यह. 11:4)
भजन संहिता 72 : 5 (IRVHI)
जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे तब तक लोग पीढ़ी-पीढ़ी तेरा भय मानते रहेंगे।
भजन संहिता 72 : 6 (IRVHI)
वह घास की खूँटी पर बरसने वाले मेंह, और भूमि सींचने वाली झड़ियों के समान होगा।
भजन संहिता 72 : 7 (IRVHI)
उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी।
भजन संहिता 72 : 8 (IRVHI)
वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करेगा।
भजन संहिता 72 : 9 (IRVHI)
उसके सामने जंगल के रहनेवाले घुटने टेकेंगे, और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।
भजन संहिता 72 : 10 (IRVHI)
तर्शीश और द्वीप-द्वीप के राजा भेंट ले आएँगे, शेबा और सबा दोनों के राजा उपहार पहुँचाएगे।
भजन संहिता 72 : 11 (IRVHI)
सब राजा उसको दण्डवत् करेंगे, जाति-जाति के लोग उसके अधीन हो जाएँगे। (प्रका. 21:26, मत्ती 2:11)
भजन संहिता 72 : 12 (IRVHI)
क्योंकि वह दुहाई देनेवाले दरिद्र का, और दुःखी और असहाय मनुष्य का उद्धार करेगा।
भजन संहिता 72 : 13 (IRVHI)
वह कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा, और दरिद्रों के प्राणों को बचाएगा।
भजन संहिता 72 : 14 (IRVHI)
वह उनके प्राणों को अत्याचार और उपद्रव से छुड़ा लेगा; और उनका लहू उसकी दृष्टि में अनमोल ठहरेगा*। (तीतु. 2:14)
भजन संहिता 72 : 15 (IRVHI)
वह तो जीवित रहेगा और शेबा के सोने में से उसको दिया जाएगा। लोग उसके लिये नित्य प्रार्थना करेंगे; और दिन भर उसको धन्य कहते रहेंगे।
भजन संहिता 72 : 16 (IRVHI)
देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्न होगा; जिसकी बालें लबानोन के देवदारों के समान झूमेंगी; और नगर के लोग घास के समान लहलहाएँगे।
भजन संहिता 72 : 17 (IRVHI)
उसका नाम सदा सर्वदा बना रहेगा; जब तक सूर्य बना रहेगा, तब तक उसका नाम नित्य नया होता रहेगा, और लोग अपने को उसके कारण धन्य गिनेंगे, सारी जातियाँ उसको धन्य कहेंगी।
भजन संहिता 72 : 18 (IRVHI)
धन्य है यहोवा परमेश्‍वर, जो इस्राएल का परमेश्‍वर है; आश्चर्यकर्म केवल वही करता है। (भजन 136:4)
भजन संहिता 72 : 19 (IRVHI)
उसका महिमायुक्त नाम सर्वदा धन्य रहेगा; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण होगी। आमीन फिर आमीन।
भजन संहिता 72 : 20 (IRVHI)
यिशै के पुत्र दाऊद की प्रार्थना समाप्त हुई।

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