भजन संहिता 8 : 1 (IRVHI)
{परमेश्वर की महिमा और मनुष्य का गौरव } प्रधान बजानेवालों के लिये गित्तीत की राग पर दाऊद का भजन हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तूने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है।
भजन संहिता 8 : 2 (IRVHI)
तूने अपने बैरियों के कारण बच्चों और शिशुओं के द्वारा अपनी प्रशंसा की है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेनेवालों को रोक रखे। (मत्ती 21:16)
भजन संहिता 8 : 3 (IRVHI)
जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तूने नियुक्त किए हैं, देखता हूँ;
भजन संहिता 8 : 4 (IRVHI)
तो फिर मनुष्य क्या है* कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?
भजन संहिता 8 : 5 (IRVHI)
क्योंकि तूने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।
भजन संहिता 8 : 6 (IRVHI)
तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तूने उसके पाँव तले सब कुछ कर दिया है*। (1 कुरि. 15:27, इफि. 1:22, इब्रा. 2:6-8, प्रेरि. 17:31)
भजन संहिता 8 : 7 (IRVHI)
सब भेड़-बकरी और गाय-बैल और जितने वन पशु हैं,
भजन संहिता 8 : 8 (IRVHI)
आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियाँ, और जितने जीव-जन्तु समुद्रों में चलते-फिरते हैं।
भजन संहिता 8 : 9 (IRVHI)
हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।
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