भजन संहिता 92 : 1 (IRVHI)
स्तुति का गीत भजन विश्राम के दिन के लिये गीत यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना;
भजन संहिता 92 : 2 (IRVHI)
प्रातःकाल को तेरी करुणा, और प्रति रात तेरी सच्चाई* का प्रचार करना,
भजन संहिता 92 : 3 (IRVHI)
दस तारवाले बाजे और सारंगी पर, और वीणा पर गम्भीर स्वर से गाना भला है।
भजन संहिता 92 : 4 (IRVHI)
क्योंकि, हे यहोवा, तूने मुझ को अपने कामों से आनन्दित किया है; और मैं तेरे हाथों के कामों के कारण जयजयकार करूँगा।
भजन संहिता 92 : 5 (IRVHI)
हे यहोवा, तेरे काम क्या ही बड़े है! तेरी कल्पनाएँ बहुत गम्भीर है; (प्रका. 15:3, रोमी 11:33,34)
भजन संहिता 92 : 6 (IRVHI)
पशु समान मनुष्य इसको नहीं समझता, और मूर्ख इसका विचार नहीं करता:
भजन संहिता 92 : 7 (IRVHI)
कि दुष्ट जो घास के समान फूलते-फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिए होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएँ,
भजन संहिता 92 : 8 (IRVHI)
परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा।
भजन संहिता 92 : 9 (IRVHI)
क्योंकि हे यहोवा, तेरे शत्रु, हाँ तेरे शत्रु नाश होंगे; सब अनर्थकारी तितर-बितर होंगे।
भजन संहिता 92 : 10 (IRVHI)
परन्तु मेरा सींग तूने जंगली सांड के समान ऊँचा किया है; तूने ताजे तेल से मेरा अभिषेक किया है।
भजन संहिता 92 : 11 (IRVHI)
मैं अपने शत्रुओं पर दृष्टि करके, और उन कुकर्मियों का हाल मेरे विरुद्ध उठे थे, सुनकर सन्तुष्ट हुआ हूँ।
भजन संहिता 92 : 12 (IRVHI)
धर्मी लोग खजूर के समान फूले फलेंगे*, और लबानोन के देवदार के समान बढ़ते रहेंगे।
भजन संहिता 92 : 13 (IRVHI)
वे यहोवा के भवन में रोपे जाकर, हमारे परमेश्‍वर के आँगनों में फूले फलेंगे।
भजन संहिता 92 : 14 (IRVHI)
वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे,
भजन संहिता 92 : 15 (IRVHI)
जिससे यह प्रगट हो, कि यहोवा सच्चा है; वह मेरी चट्टान है, और उसमें कुटिलता कुछ भी नहीं।

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