भजन संहिता 98 : 1 (IRVHI)
उद्धार और न्याय के लिये स्तुतिगान भजन यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्मों किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!
भजन संहिता 98 : 2 (IRVHI)
यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है।
भजन संहिता 98 : 3 (IRVHI)
उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करुणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर-दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है। (लूका 1:54, प्रेरि. 28:28)
भजन संहिता 98 : 4 (IRVHI)
हे सारी पृथ्वी* के लोगों, यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! (यशा. 44:23)
भजन संहिता 98 : 5 (IRVHI)
वीणा बजाकर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजाकर भजन का स्वर सुनाओं।
भजन संहिता 98 : 6 (IRVHI)
तुरहियां और नरसिंगे फूँक फूँककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
भजन संहिता 98 : 7 (IRVHI)
समुद्र और उसमें की सब वस्तुएँ गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!
भजन संहिता 98 : 8 (IRVHI)
नदियाँ तालियाँ बजाएँ; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
भजन संहिता 98 : 9 (IRVHI)
यह यहोवा के सामने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है। वह धर्म से जगत का, और सच्चाई से देश-देश के लोगों का न्याय करेगा। (प्रेरि. 17:31)
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