श्रेष्ठगीत 2 : 1 (IRVHI)
मैं शारोन देश का गुलाब [QBR] और तराइयों का सोसन फूल हूँ। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 2 (IRVHI)
जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच* [QBR] वैसे ही मेरी प्रिय युवतियों के बीच में है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 3 (IRVHI)
जैसे सेब का वृक्ष जंगल के वृक्षों के बीच में, [QBR] वैसे ही मेरा प्रेमी जवानों के बीच में है। [QBR] मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, [QBR] और उसका फल मुझे खाने में मीठा लगा। (प्रकाशित. 22:1,2) [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 4 (IRVHI)
वह मुझे भोज के घर में ले आया, [QBR] और उसका जो झण्डा मेरे ऊपर फहराता था वह प्रेम था। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 5 (IRVHI)
मुझे किशमिश खिलाकर संभालो, सेब खिलाकर बल दो: [QBR] क्योंकि मैं प्रेम में रोगी हूँ। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 6 (IRVHI)
काश, उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे होता, [QBR] और अपने दाहिने हाथ से वह मेरा आलिंगन करता! [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 7 (IRVHI)
हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों [QBR] और मैदान की हिरनियों की शपथ धराकर कहती हूँ, [QBR] कि जब तक वह स्वयं न उठना चाहे, [QBR] तब तक उसको न उकसाओं न जगाओ। (श्रेष्ठ. 3:5,8:4)
श्रेष्ठगीत 2 : 8 (IRVHI)
{प्रियतमा की याचना} [PS] मेरे प्रेमी का शब्द सुन पड़ता है! [QBR] देखो, वह पहाड़ों पर कूदता और पहाड़ियों को फान्दता हुआ आता है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 9 (IRVHI)
मेरा प्रेमी चिकारे या जवान हिरन के समान है*। [QBR] देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, [QBR] और खिड़कियों की ओर ताक रहा है, [QBR] और झंझरी में से देख रहा है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 10 (IRVHI)
मेरा प्रेमी मुझसे कह रहा है, [QBR] “हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ; [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 11 (IRVHI)
क्योंकि देख, सर्दी जाती रही; [QBR] वर्षा भी हो चुकी और जाती रही है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 12 (IRVHI)
पृथ्वी पर फूल दिखाई देते हैं, [QBR] चिड़ियों के गाने का समय आ पहुँचा है, [QBR] और हमारे देश में पिंडुक का शब्द सुनाई देता है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 13 (IRVHI)
अंजीर पकने लगे हैं, [QBR] और दाखलताएँ फूल रही हैं; [QBR] वे सुगन्ध दे रही हैं। [QBR] हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 14 (IRVHI)
हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुंज में तेरा मुख मुझे देखने दे, [QBR] तेरा बोल मुझे सुनने दे, [QBR] क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 15 (IRVHI)
जो छोटी लोमड़ियाँ दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले, [QBR] क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं।” (भज. 80:8-13, यहे. 13:4) [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 16 (IRVHI)
मेरा प्रेमी मेरा है और मैं उसकी हूँ, [QBR] वह अपनी भेड़-बकरियाँ सोसन फूलों के बीच में चराता है*। [QBR]
श्रेष्ठगीत 2 : 17 (IRVHI)
जब तक दिन ठण्डा न हो और छाया लम्बी होते-होते मिट न जाए, [QBR] तब तक हे मेरे प्रेमी उस चिकारे या जवान हिरन के समान बन [QBR] जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है। [PE]

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