श्रेष्ठगीत 6 : 1 (IRVHI)
हे स्त्रियों में परम सुन्दरी, तेरा प्रेमी कहाँ गया? तेरा प्रेमी कहाँ चला गया कि हम तेरे संग उसको ढूँढ़ने निकलें?
श्रेष्ठगीत 6 : 2 (IRVHI)
मेरा प्रेमी अपनी बारी में अर्थात् बलसान की क्यारियों की ओर गया है, कि बारी में अपनी भेड़-बकरियाँ चराए और सोसन फूल बटोरे।
श्रेष्ठगीत 6 : 3 (IRVHI)
मैं अपने प्रेमी की हूँ और मेरा प्रेमी मेरा है, वह अपनी भेड़-बकरियाँ सोसन फूलों के बीच चराता है।
श्रेष्ठगीत 6 : 4 (IRVHI)
शुलेमी की खूबसूरती की तारीफ़ हे मेरी प्रिय, तू तिर्सा की समान सुन्दरी है तू यरूशलेम के समान रूपवान है, और पताका फहराती हुई सेना के तुल्य भयंकर है।
श्रेष्ठगीत 6 : 5 (IRVHI)
अपनी आँखें मेरी ओर से फेर ले*, क्योंकि मैं उनसे घबराता हूँ; तेरे बाल ऐसी बकरियों के झुण्ड के समान हैं, जो गिलाद की ढलान पर लेटी हुई देख पड़ती हों।
श्रेष्ठगीत 6 : 6 (IRVHI)
तेरे दाँत ऐसी भेड़ों के झुण्ड के समान हैं जिन्हें स्नान कराया गया हो, उनमें प्रत्येक जुड़वाँ बच्चे देती हैं, जिनमें से किसी का साथी नहीं मरा।
श्रेष्ठगीत 6 : 7 (IRVHI)
तेरे कपोल तेरी लटों के नीचे अनार की फाँक से देख पड़ते हैं।
श्रेष्ठगीत 6 : 8 (IRVHI)
वहाँ साठ रानियाँ और अस्सी रखैलियाँ और असंख्य कुमारियाँ भी हैं।
श्रेष्ठगीत 6 : 9 (IRVHI)
परन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, अद्वितीय है अपनी माता की एकलौती, अपनी जननी की दुलारी है। पुत्रियों ने उसे देखा और धन्य कहा; रानियों और रखेलों ने देखकर उसकी प्रशंसा की।
श्रेष्ठगीत 6 : 10 (IRVHI)
यह कौन है जिसकी शोभा भोर के तुल्य है, जो सुन्दरता में चन्द्रमा और निर्मलता में सूर्य, और पताका फहराती हुई सेना के तुल्य भयंकर दिखाई पड़ती है?
श्रेष्ठगीत 6 : 11 (IRVHI)
मैं अखरोट की बारी में उत्तर गई, कि तराई के फूल देखूँ, और देखूँ की दाखलता में कलियें लगीं, और अनारों के फूल खिले कि नहीं।
श्रेष्ठगीत 6 : 12 (IRVHI)
मुझे पता भी न था कि मेरी कल्पना ने मुझे अपने राजकुमार के रथ पर चढ़ा दिया।
श्रेष्ठगीत 6 : 13 (IRVHI)
लौट आ, लौट आ, हे शूलेम्मिन*, लौट आ, लौट आ, कि हम तुझ पर दृष्टि करें। क्या तुम शूलेम्मिन को इस प्रकार देखोगे जैसा महनैम के नृत्य को देखते हैं?
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