यशायाह 3 : 1 (OCVHI)
येरूशलेम और यहूदिया पर न्याय प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह येरूशलेम और यहूदिया से उनका सहारा और उनके अन्न और जल का स्रोत सब दूर कर देगा,
यशायाह 3 : 2 (OCVHI)
वीर योद्धा तथा सैनिक, न्यायी तथा भविष्यद्वक्ता, भावी बोलनेवाले तथा बूढ़े,
यशायाह 3 : 3 (OCVHI)
मंत्री और प्रतिष्ठित व्यक्ति, सलाहकार, कारीगर और जादूगर को भी दूर करेंगे.
यशायाह 3 : 4 (OCVHI)
“मैं लड़कों को शासक बना दूंगा; और वे उन पर शासन करेंगे.”
यशायाह 3 : 5 (OCVHI)
लोग एक दूसरे पर अत्याचार करेंगे— सब अपने साथी, पड़ोसी पर, और लड़के, बूढ़ों से बुरा व्यवहार करेंगे.
यशायाह 3 : 6 (OCVHI)
जब एक व्यक्ति अपने पिता के घर में अपने भाई से ही यह कहने लगे, “तुम्हारे पास तो अच्छा वस्त्र है, तुम्हें हमारा न्यायी होना चाहिए; और यह देश जो उजड़ा हुआ है अपने अधीन कर लो!”
यशायाह 3 : 7 (OCVHI)
उस दिन कहेगा, “मैं चंगा करनेवाला नहीं हूं. क्योंकि मेरे घर में न तो भोजन है और न वस्त्र; ऐसा व्यक्ति प्रजा का शासक नहीं बन सकता.”
यशायाह 3 : 8 (OCVHI)
येरूशलेम लड़खड़ाया और यहूदिया गिर गया है; क्योंकि उनके वचन और उनके काम याहवेह के विरुद्ध हैं, जो याहवेह के तेजोमय आंखों के सामने बुराई करनेवाले हो गये.
यशायाह 3 : 9 (OCVHI)
उनका मुंह ही उनके विरुद्ध गवाही देता हैं; और वे सदोम के समान अपने ही पापों को बताते हैं; वे उन्हें छिपाते नहीं हाय उन पर. क्योंकि उन्होंने अपना ही नुकसान किया है.
यशायाह 3 : 10 (OCVHI)
धर्मियों को यह बताओ कि उनका अच्छा ही होगा, क्योंकि उन्हें उनके कामों का प्रतिफल मिलेगा.
यशायाह 3 : 11 (OCVHI)
हाय है दुष्ट पर! उनके साथ बुरा ही होगा! क्योंकि उनके बुरे कामों का फल उन्हें बुरा ही मिलेगा.
यशायाह 3 : 12 (OCVHI)
मेरे लोगों को बच्चे दुःख देते हैं, और स्त्रियां उन पर अधिकार करती हैं. हे मेरी प्रजा, जो तुम्हारे मार्ग बताते हैं; वे ही तुम्हें भटकाते हैं तथा वे तुम्हारे रास्ते को भूला देते हैं.
यशायाह 3 : 13 (OCVHI)
याहवेह तुम्हें बचाने और लोगों के न्याय निष्पादन के लिए तैयार हैं.
यशायाह 3 : 14 (OCVHI)
याहवेह न्याय के लिए शासन करनेवालों तथा बूढ़ों के साथ मिल गए हैं: “तुम ही ने खेत से अंगूर खा लिये; और गरीबों से लूटा गया सामान अपने घर में रखा.
यशायाह 3 : 15 (OCVHI)
क्यों मेरी प्रजा को परेशान और दुःखी करते हो?” प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहता है!
यशायाह 3 : 16 (OCVHI)
याहवेह कहता है, “ज़ियोन की पुत्रियां घमंड करती हैं, वे सिर ऊंचा कर आंखों को मटकाती, घुंघरूओं को छमछमाती हुई पायल पहनकर चलती हैं.
यशायाह 3 : 17 (OCVHI)
इसलिये प्रभु याहवेह ज़ियोन की पुत्रियों के सिर को गंजा कर देंगे; और उनके तन को विवस्त्र करेंगे.”
यशायाह 3 : 18 (OCVHI)
उस दिन प्रभु उनकी पायल, ललाट पट्टिका, झूमर,
यशायाह 3 : 19 (OCVHI)
झुमके, कंगन, झीना मुखावरण,
यशायाह 3 : 20 (OCVHI)
सुंदर वस्त्र, भुजबन्द, करधनी, ईत्रदान, कवच,
यशायाह 3 : 22 (OCVHI)
मख़मल के वस्त्र, कुरती, बुन्दियों, ओढ़नी;
यशायाह 3 : 23 (OCVHI)
बटूवा, अधोवस्त्र, पगड़ी और ओढ़नी की सुंदरता को हटा देंगे.
यशायाह 3 : 24 (OCVHI)
और खुशबू की जगह बदबू; करधनी के स्थान पर रस्सी; बालों की जगह गंजापन; बहुमूल्य वस्त्रों के स्थान पर टाट; और सुंदरता की जगह बदसूरती होगी.
यशायाह 3 : 25 (OCVHI)
तुम्हारे पुरुष तलवार से, और तुम्हारे योद्धा युद्ध में मारे जाएंगे.
यशायाह 3 : 26 (OCVHI)
तुम्हारे फाटक रोएंगे और शोक मनाएंगे; वह अकेली भूमि पर बैठी रहेगी.
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