भजन संहिता 25 : 1 (OCVHI)
याहवेह, मैंने आप पर अपनी आत्मा समर्पित की है.
भजन संहिता 25 : 2 (OCVHI)
मेरे परमेश्वर, मैंने आप पर भरोसा किया है; मुझे लज्जित होने न दीजिए, और न मेरे शत्रु मेरा पीछा करने पाएं.
भजन संहिता 25 : 3 (OCVHI)
कोई भी, जिसने आप पर अपनी आशा रखी है लज्जित कदापि नहीं किया जा सकता, लज्जित वे किए जाएंगे, जो विश्वासघात करते हैं.
भजन संहिता 25 : 4 (OCVHI)
याहवेह, मुझे अपने मार्ग दिखा, मुझे अपने मार्गों की शिक्षा दीजिए.
भजन संहिता 25 : 5 (OCVHI)
अपने सत्य की ओर मेरी अगुवाई कीजिए और मुझे शिक्षा दीजिए, क्योंकि आप मेरे छुड़ानेवाले परमेश्वर हैं, दिन भर मैं आपकी ही प्रतीक्षा करता रहता हूं.
भजन संहिता 25 : 6 (OCVHI)
याहवेह, अपनी असीम दया तथा अपने करुणा-प्रेम* करुणा-प्रेम ख़ेसेद इस हिब्री शब्द का अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये शामिल हैं का स्मरण कीजिए, जो अनंत काल से होते आए हैं.
भजन संहिता 25 : 7 (OCVHI)
युवावस्था में किए गए मेरे अपराधों का तथा मेरे हठीले आचरण का लेखा न रखिए; परंतु, याहवेह, अपनी करुणा में मेरा स्मरण रखिए, क्योंकि याहवेह, आप भले हैं!
भजन संहिता 25 : 8 (OCVHI)
याहवेह भले एवं सत्य हैं, तब वह पापियों को अपनी नीतियों की शिक्षा देते हैं.
भजन संहिता 25 : 9 (OCVHI)
विनीत को वह धर्ममय मार्ग पर ले चलते हैं, तथा उसे अपने मार्ग की शिक्षा देते हैं.
भजन संहिता 25 : 10 (OCVHI)
जो याहवेह की वाचा एवं व्यवस्था का पालन करते हैं, उनके सभी मार्ग उनके लिए प्रेमपूर्ण एवं विश्वासयोग्य हैं.
भजन संहिता 25 : 11 (OCVHI)
याहवेह, अपनी महिमा के निमित्त, मेरा अपराध क्षमा करें, यद्यपि मेरा अपराध घोर है.
भजन संहिता 25 : 12 (OCVHI)
तब कौन है वह मनुष्य, जो याहवेह से डरता है? याहवेह उस पर वह मार्ग प्रकट करेंगे, जिस पर उसका चलना भला है.
भजन संहिता 25 : 13 (OCVHI)
तब समृद्ध होगा उसका जीवन, और उसकी सन्तति उस देश पर शासन करेगी.
भजन संहिता 25 : 14 (OCVHI)
अपने श्रद्धालुओं पर ही याहवेह अपने रहस्य प्रकाशित करते हैं; उन्हीं पर वह अपनी वाचा प्रगट करते हैं.
भजन संहिता 25 : 15 (OCVHI)
मेरी आंखें एकटक याहवेह को देख रहीं हैं, क्योंकि वही मेरे पैरों को फंदे से मुक्त करेंगे.
भजन संहिता 25 : 16 (OCVHI)
हे याहवेह, मेरी ओर मुड़कर मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए, क्योंकि मैं अकेला तथा पीड़ित हूं.
भजन संहिता 25 : 17 (OCVHI)
मेरे हृदय का संताप बढ़ गया है, मुझे मेरी यातनाओं से बचा लीजिए.
भजन संहिता 25 : 18 (OCVHI)
मेरी पीड़ा और यातना पर दृष्टि कीजिए, और मेरे समस्त पाप क्षमा कर दीजिए.
भजन संहिता 25 : 19 (OCVHI)
देखिए, मेरे शत्रुओं की संख्या कितनी बड़ी है, यह भी देखिए कि मेरे प्रति कितनी उग्र है उनकी घृणा!
भजन संहिता 25 : 20 (OCVHI)
मेरे जीवन की रक्षा कीजिए और मुझे बचा लीजिए; मुझे लज्जित न होना पड़े, क्योंकि मैं आपके आश्रय में आया हूं.
भजन संहिता 25 : 21 (OCVHI)
खराई तथा सच्चाई मुझे सुरक्षित रखें, क्योंकि मैंने आप पर ही भरोसा किया है.
भजन संहिता 25 : 22 (OCVHI)
हे परमेश्वर, इस्राएल को बचा लीजिए, समस्त संकटों से इस्राएल को मुक्त कीजिए!

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