भजन संहिता 26 : 1 (OCVHI)
याहवेह, मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए, क्योंकि मैं सीधा हूं; याहवेह पर से मेरा भरोसा कभी नहीं डगमगाया.
भजन संहिता 26 : 2 (OCVHI)
याहवेह, मुझे परख लीजिए, मेरा परीक्षण कर लीजिए, मेरे हृदय और मेरे मन को परख लीजिए;
भजन संहिता 26 : 3 (OCVHI)
आपके करुणा-प्रेम* करुणा-प्रेम ख़ेसेद इस हिब्री शब्द का अर्थ में “अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा” ये सब शामिल हैं का बोध मुझमें सदैव बना रहता है, आपकी सत्यता मेरे मार्ग का आश्वासन है.
भजन संहिता 26 : 4 (OCVHI)
मैं न तो निकम्मी चाल चलने वालों की संगत करता हूं, और न मैं कपटियों से सहमत होता हूं.
भजन संहिता 26 : 5 (OCVHI)
कुकर्मियों की समस्त सभाएं मेरे लिए घृणित हैं और मैं दुष्टों की संगत में नहीं बैठता.
भजन संहिता 26 : 6 (OCVHI)
मैं अपने हाथ धोकर निर्दोषता प्रमाणित करूंगा और याहवेह, मैं आपकी वेदी की परिक्रमा करूंगा,
भजन संहिता 26 : 7 (OCVHI)
कि मैं उच्च स्वर में आपके प्रति आभार व्यक्त कर सकूं और आपके आश्चर्य कार्यों को बता सकूं.
भजन संहिता 26 : 8 (OCVHI)
याहवेह, मुझे आपके आवास, पवित्र मंदिर से प्रेम है, यही वह स्थान है, जहां आपकी महिमा का निवास है.
भजन संहिता 26 : 9 (OCVHI)
पापियों की नियति में मुझे सम्मिलित न कीजिए, हिंसक पुरुषों के साथ मुझे दंड न दीजिए.
भजन संहिता 26 : 10 (OCVHI)
उनके हाथों में दुष्ट युक्ति है, जिनके दायें हाथ घूस से भरे हुए हैं.
भजन संहिता 26 : 11 (OCVHI)
किंतु मैं अपने आचरण में सदैव खरा रहूंगा; मुझ पर कृपा कर मुझे मुक्त कर दीजिए.
भजन संहिता 26 : 12 (OCVHI)
मेरे पैर चौरस भूमि पर स्थिर हैं; श्रद्धालुओं की महासभा में मैं याहवेह की वंदना करूंगा.
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