भजन संहिता 87 : 1 (OCVHI)
पवित्र पर्वत पर उन्होंने अपनी नींव डाली है;
भजन संहिता 87 : 2 (OCVHI)
याकोब के समस्त आवासों की अपेक्षा, याहवेह को ज़ियोन के द्वार कहीं अधिक प्रिय हैं.
भजन संहिता 87 : 3 (OCVHI)
परमेश्वर के नगर, तुम्हारे विषय में यशस्वी बातें लिखी गई हैं,
भजन संहिता 87 : 4 (OCVHI)
“अपने परिचितों के मध्य मैं राहाब* राहाब मिस्र देश के लिए एक काव्य नाम और बाबेल का लेखा करूंगा, साथ ही फिलिस्तिया, सोर और कूश कूश यानी इथियोपिया का भी, और फिर मैं कहूंगा, ‘यही है वह, जिसकी उत्पत्ति ज़ियोन में हुई है.’ ”
भजन संहिता 87 : 5 (OCVHI)
ज़ियोन के विषय में यही घोषणा की जाएगी, “इसका भी जन्म ज़ियोन में हुआ और उसका भी, सर्वोच्च परमेश्वर ही ने ज़ियोन को बसाया है.”
भजन संहिता 87 : 6 (OCVHI)
याहवेह अपनी प्रजा की गणना करते समय लिखेगा: “इसका जन्म ज़ियोन में हुआ था.”
भजन संहिता 87 : 7 (OCVHI)
संगीत की संगत पर वे गाएंगे, “तुम्हीं में मेरे आनंद का समस्त उगम हैं.”

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