भजन संहिता 92 : 1 (OCVHI)
भला है याहवेह के प्रति धन्यवाद, सर्वोच्च परमेश्वर, आपकी महिमा का गुणगान करना उपयुक्त है.
भजन संहिता 92 : 2 (OCVHI)
(2-3)दस तारों के आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर[* आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर विभिन्‍न प्रकार के वाद्य यंत्र ] की संगत पर प्रातःकाल ही आपके करुणा-प्रेम की उद्घोषणा करना तथा रात्रि में आपकी सच्चाई का वर्णन करना अच्छा है.
भजन संहिता 92 : 3 (OCVHI)
भजन संहिता 92 : 4 (OCVHI)
याहवेह, आपने मुझे अपने कार्यों के उल्लास से तृप्‍त कर दिया है; आपके कार्यों के लिए मैं हर्षोल्लास के गीत गाता हूं.
भजन संहिता 92 : 5 (OCVHI)
याहवेह, कैसे अद्भुत हैं, आपके द्वारा निष्पन्‍न कार्य! गहन हैं आपके विचार!
भजन संहिता 92 : 6 (OCVHI)
अज्ञानी के लिए असंभव है इनका अनुभव करना, निर्बुद्धि के लिए ये बातें निरर्थक हैं.
भजन संहिता 92 : 7 (OCVHI)
यद्यपि दुष्ट घास के समान अंकुरित तो होते हैं और समस्त दुष्ट उन्‍नति भी करते हैं, किंतु उनकी नियति अनंत विनाश ही है.
भजन संहिता 92 : 8 (OCVHI)
किंतु, याहवेह, आप सदा-सर्वदा सर्वोच्च ही हैं.
भजन संहिता 92 : 9 (OCVHI)
निश्चयतः आपके शत्रु, याहवेह, आपके शत्रु नाश हो जाएंगे; समस्त दुष्ट बिखरा दिए जाएंगे.
भजन संहिता 92 : 10 (OCVHI)
किंतु मेरी शक्ति को आपने वन्य सांड़ समान ऊंचा कर दिया है; आपने मुझ पर नया नया तेल उंडेल दिया है.
भजन संहिता 92 : 11 (OCVHI)
स्वयं मैंने अपनी ही आंखों से अपने शत्रुओं का पतन देखा है; स्वयं मैंने अपने कानों से अपने दुष्ट शत्रुओं के कोलाहल को सुना है.
भजन संहिता 92 : 12 (OCVHI)
धर्मी खजूर वृक्ष समान फलते जाएंगे, उनका विकास लबानोन के देवदार के समान होगा;
भजन संहिता 92 : 13 (OCVHI)
याहवेह के आवास में लगाए वे परमेश्वर के आंगन में समृद्ध होते जाएंगे!
भजन संहिता 92 : 14 (OCVHI)
वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी,
भजन संहिता 92 : 15 (OCVHI)
कि वे यह घोषणा कर सकें कि, “याहवेह सीधे हैं; वह मेरे लिए चट्टान हैं, उनमें कहीं भी, किसी भी दुष्टता की छाया तक नहीं है.”

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